बिरहेड़ा मोड़ पर हुुई आधा दर्जन से अधिक ग्रामींणों की महापंचायत. महापंचायत में सभी ने खुलकर इस एसटीपी प्रोजेक्ट का विरोध किया. इस पानी का उपयोग गुरुग्राम में ही पार्क, मैदानों, ग्रीनबेल्टो में हो. सरकार को पानी ही देना है तो नहरी पानी गांवों में उपलब्ध कराये फतह सिंह उजालापटौदी। गांव महचाना की सरदारी की अगुवाही में एसटीपी के पानी के सिंचाई प्रोजेक्ट से प्रभावित दर्जनों गांवों के ग्रामींणो सहित किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। एसटीपी के पानी के सिंचाई प्रोजेक्ट से प्रभावित गांव फरीदपुर, खंडेवला, कारोला, जाटोला, तिरपडी, आलमदी, पालड़ी के ग्रामींण-किसान बड़ी संख्या में संडे को बिरहेरा मोड़ पर आहुत महापंचायत में शामिल हुए। आसपास के गांवों से किसान व युवा अपने ट्रेक्टर व बाइक लेकर पंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे । इस महापंचायत में पूर्व एमएलए एवं जजपा नेता रामबीर सिंह के पैतृक गांव महचाना की गौचारे की भूमि को केंद्र बना कर आस पास के दर्जनों गाँव में एसटीपी के पानी से सिंचाई व इसी पानी को डज्जर जिला के गांव लुहारी माइनर में डालकर पटौदी हलके के गांव खंडेवला, महचाना व फरीदपुर की तरफ छोड़ने की योजना है। इस मुद्दे को लेकर बीते वर्ष दिसंबर में सिंचाईं विभाग के साथ हुई बैठक के बाद से ही इलाके के विभिन्न गांवों में रोष बनता जा रहा है। बिरहेड़ा मोड़ की महापंचायत में सभी ने खुलकर इस प्रोजेक्ट के विरोध में अपने स्वर मुखर किये। इस महापंचायत के प्रमुख वक्ता रामबीर सिंह पूर्व विधायक पटौदी (प्रदेश प्रवक्ता जजपा), बिमला चौधरी पूर्व विधायक पटौदी, यशपाल फरीदपुर, धर्मेन्द्र कौशिक खंडेवला, सुहेन्द्र सरपंच पालड़ी, राज सिंह पूर्व सरपंच डूमा, पोहप सिंह पूर्व सरपंच आलमदी, प्रेम चंद खंडेवला सरपंच, बसंत मुसेदपुर, राकेश सरपंच तिरपडी, मनीष एडवोकेट, केतन चौहान इत्यादि ने एसटीपी के आने वाले पानी का खुलकर विरोध किया। सभी ने हर स्तर पर कार्यवाही में समल्लित रहने का भी वादा किया। पूर्व विधायक रामबीर सिंह जी ने कहा सरकार इस पानी का उपयोग गुरुग्राम में ही पार्क, मैदानों, ग्रीनबेल्टो को सिंचित करने,सड़को की सफाई व बिल्डिंग निर्माण में करें। सरकार हमारे इलाके में एसटीपी नही, नहर का पानी भेजें। वही पटौदी की पूर्वएमएलए बिमला चौधरी ने कहा कि मैं अपने इलाके में यह पानी नही आने दूंगी चाहे मुझे खुद अपना बलिदान क्यों न देना पड़े। इलाके के ग्रामींणों की इस समस्या को सांसद एवं केंद्रीयमंत्री राव इंदरजीत सिंह के समक्ष रखने तथा समाधान का भरोसा दिलाया। गॉंवों से आई हुई सरदारी की भी यही मांग है कि सरकार को अगर पानी ही भेजना या देना है तो यहां नहरी पानी भेजें। ग्रामींण इलाके में यह गंदा पानी नही चाहिए। अगर यह जहरीला पानी आता है तो हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नही करेंगी। महचाना सहित अन्य गांवों से ट्रेक्टर लेकर पहुँचे किसान नरेश चौहान, उमेश, राधे, जगदीप, मंजीत, प्रदीप, भारतभूषण, राहुल चौहान, कुलवंत, दीपक, कोमल, जय किसन, भीम सिंह, कुलदीप, रणजीत सिंह इत्यादि ने कहा कि अगर सरकार हमारी बात स्वीकार नही करती है तो प्रभावित ग्रामींण आंदोलन, धरना व रोष प्रदर्शन के लिए भी तैयार है। Post navigation खोड गांव दोेहरा हत्याकांड… तो फिर दो की नहीं, हो सकती थी तीन हत्याएं ! बोहड़ाकला में शहीद चंद्रशेखर आजाद को याद किया