भारत सारथी

गुरुग्राम । नारनौल जिले के नसीबपुर जेल घूसकांड के आरोपित जेल उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा के शव का राजेंद्रा पार्क थाना पुलिस ने शुक्रवार दोपहर पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया।

इससे पहले काफी देर तक स्वजन नारनौल के पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर अड़े रहे। उनका कहना था कि जब तक मामला दर्ज नहीं होगा पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) दीपक सहारण इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त राजीव यादव के साथ पोस्टमार्टम हाउस के नजदीक सिटी थाने में पहुंचे। उन्होंने स्वजन के साथ संवाद किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में निष्पक्ष जांच होगी। स्वजन जिस अधिकारी से जांच कराना चाहते हैं, उसी से जांच कराई जाएगी। इसके बाद स्वजन मान गए। फिर मेडिकल बोर्ड का गठन कर पोस्टमार्टम कराया गया।

मूल रूप से रोहतक जिले के गांव पोलंकी निवासी कुलदीप हुड्डा को स्टेट विजिलेंस टीम ने गत वर्ष नौ दिसंबर को नसीबपुर जेल में छापा मारकर दो जेल वार्डन को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। वार्डनों ने घूसकांड में जेल उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा के भी शामिल होने की बात स्वीकार की थी। इससे गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी। बचने के लिए गांव माकड़ौला में अपने रिश्तेदार के घर पर छिपे हुए थे। बृहस्पतिवार शाम जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।
स्वजन का आरोप है कि साजिश के तहत कुलदीप को फंसाया गया था। बेईमान आदमी कभी आत्महत्या नहीं करता।

मानदार आदमी आत्महत्या करता है। ईमानदार आदमी को बेइज्जती होने का दुख होता है। कुलदीप हुड्डा के चाचा जयपाल सिंह ने बताया कि मामले में नाम आने के बाद उनका भतीजा परेशान चल रहा था। वह ईमानदार था। उसकी ईमानदारी पर पूरे परिवार को गर्व था। नारनौल पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर कुलदीप ने आत्महत्या की है। मुकेश हुड्डा ने भी अपने भाई की मौत के लिए पुलिस अधीक्षक और जेल अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया है।

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