अहीरवाल के राजा राव बिरेंदर सिंह की पोती आरती राव संभालेगी राजनीतिक कमान
शुरुआत नांगल चौधरी के नाम से ही क्यों? चर्चा का विषय

भारत सारथी/ कौशिक 

नारनौल। विरासत की सियासत। भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आरती राव अपने दादा पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र सिंह और पिता केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए कदम बढ़ाने जा रही है। राजनीतिक क्षेत्र में यह भी एक चर्चा का विषय बना हुआ है कि इसकी शुरुआत नांगल चौधरी से ही क्यों? 

आरती के कार्यकर्ता सम्मेलनों का आगाज आगामी 26 फरवरी को नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र से होगा। पहला कार्यकर्ता सम्मेलन नायन गांव में होगा। इसके बाद आरती अहीरवाल के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी दादा व पिता के समर्थकों से सीधा संवाद करेंगी। राव इंद्रजीत बेटी को राजनीति के गुर सिखा चुके हैं। पिता के गुरुमंत्र के बल पर ही आरती अकेले दम पर मैदान में उतर रही हैं।

चुनावी दौर की छोटी सभाओं को छोड़ दें तो ऐसा पहली बार होगा, जब बड़े आयोजन में आरती अपने पिता राव के साथ मंच साझा करने की बजाय खुद बतौर मुख्य वक्ता मंच संभालेंगी। यह राव इंद्रजीत सिंह की रणनीति है। बेटी की स्वीकार्यता बढ़ाने व अपने समर्थकों तक उनकी सीधी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आरती को पूरे अहीरवाल में भेजा जाएगा।

राजनीतिक क्षेत्र में यह चर्चा भी जोरों पर है कि आखिर नांगल चौधरी के नए गांव का चयन क्यों किया गया? इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि रामपुरा हाउस के धुर विरोधी नांगल चौधरी के विधायक डॉ अभय सिंह यादव को उनके अपने क्षेत्र में सीमित करने की यह एक कूटनीतिक चाल है। डॉ अभय सिंह यादव और अहीर राजा राव इंदरजीत सिंह के बीच छत्तीस का आंकड़ा सर्वविदित है। उधर डॉ अभय सिंह यादव मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सहारे अपनी पासे फेंक रहे हैं, वही अहीरवाल क्षत्रप राव इंदरजीत सिंह अपनी लाडो आरती के द्वारा उनको आईना दिखाने को तैयार हैं।

पोस्टर-बैनर से समग्र संदेश
आरती राव के कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए इंटरनेट प्लेटफार्म व अन्य माध्यमों से जो प्रचार सामग्री तैयार करवाई गई है, उससे समग्र संदेश दिया जा रहा है। राव बिरेंद्र की तीसरी पीढ़ी का संदेश यह है कि अपनी पार्टी भाजपा को पूरा सम्मान दिया जाएगा, मगर अपने पूर्वजों को भी राजनीति में उतने ही आदर से याद किया जाएगा। पोस्टर-बैनर में एक ओर जहां भाजपा के शीर्ष नेताओं की फोटो है, वहीं पूर्वज राजा राव तुलाराम व राव बिरेंद्र सिंह को भी सम्मान से याद किया गया है।

नांगल चौधरी से बड़ा संदेश
नांगल चौधरी में आरती के पहले कार्यक्रम के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद नांगल चौधरी से भाजपा विधायक डा. अभय सिंह को राव इंद्रजीत के विरोधियों में गिना जाने लगा है। वह राव के निशाने पर है। आरती के नांगल चौधरी से विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी इसी कारण है, मगर राव इंद्रजीत सिंह जिस तरह रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाए हुए है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि मौका लगने पर राव बेटी के लिए रेवाड़ी को ही प्राथमिकता देंगे। बहरहाल अटकलबाजी बेशक लंबे समय तक चलेगी, मगर अनुमान है कि राव अब बतौर कैप्टन खुद बैकफुट पर रहकर बेटी को फ्रंटफुट पर बैटिंग के लिए भेजेंगे।

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