मार्च 2018 में मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में झूठी व लागू न करने वाली घोषणा क्यों की ? विद्रोही

मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे सत्ता अहंकार छोडकर आंदोलनरत आंगनवाडी महिलाओं से वार्ता करके उनके आंदोलन को खत्म करवाये।

17 फरवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से सवाल किया कि वे आंदोलनरत आंगनवाडी महिला कर्मियों के लिए अपने शासनकाल में उनके हित में किये गए दावों का बखान करने की बजाय यह बताये कि खट्टर जी मार्च 2018 में विधानसभा चुनाव में की गई अपनी घोषणा व सितम्बर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा को लागू करने से क्यों भाग रहे है? विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दावा बेमानी है कि हरियाणा में आंगनवाडीकर्मियों को पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा वेतन मिल रहा है। किसी एक राज्य के कर्मचारियों के वेतन, सुविधाओं की तुलना अन्य राज्यों से करने को कोई औचित्य नही है। अनेक मामलों में जहां हरियाणा अन्य राज्यों की तुलना में कहीं बेहतर है तो वहीं कई मामलों में काफी पीछे है। जब हरियाणा में मुख्यमंत्री के दावे अनुसार आंगनावडी कार्यकर्ताओं को पहले ही ज्यादा मानदेय मिल रहा है तो केन्द्र की किसी भी ऐसी घोषणा को हरियाणा सरकार यह कहकर लागू करने से इनकार कर सकती है कि उनके यहां तो पहले ही बेहतर स्थिति है।

प्रधानमंत्री मोदीजी नेे सितम्बर 2018 में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, हैल्पर्स के लिए मानदेय भत्ते में जो वृद्धि की घोषणा की थी, वह धन केन्द्र से मिलता है। उस मानदेय को आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को देना हरियाणा भाजपा सरकार का संवैद्यानिक दायित्य है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार अपना संवैद्यानिक दायित्य निभाने से क्यों भाग रही है। वहीं सवाल उठता है कि जब हरियाणा सरकार आंगनवाडी कर्मियों को कुशल व अर्धकुशल कर्मी का दर्जा देने की स्थिति में नही है तो मार्च 2018 में मुख्यमंत्री खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में ऐसी झूठी व लागू न करने वाली घोषणा क्यों की? अब मुख्यमंत्री खट्टर का यह संवैद्यानिक दायित्य है कि अपनी घोषणा को लागू करे। 

विद्रोही ने कहा कि आंदोलनरत आंगनवाडी महिला कर्मियों से वार्ता करके समस्या को समाधान करने की बजाय सरकार ने आंगनवाडी कर्मियों की हडताल पर एस्मा लगाकर अपनी बदनियति व दमन की नीति को ही दर्शाया है। सवाल उठता है कि जब आंगनवाडी कर्मियों की हडताल व उनकी मांगों का समाधान आपसी वार्ता से निकल सकता है तब सरकार एस्मा क्यों लगा रही है व दमनात्मक कार्रवाई करके आंगनवाडी यूनियन की महिला नेताओं को नौकरी से बर्खास्त क्यों कर रही है? विद्रोही ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे सत्ता अहंकार छोडकर आंदोलनरत आंगनवाडी महिलाओं से वार्ता करके उनके आंदोलन को खत्म करवाये।

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