दक्षिणी हरियाणा से सम्बन्धित भाजपा के चुने जनप्रतिनिधि कमजोर व स्वार्थी, आवाज तक नही उठाते ! विद्रोही

मोदी-भाजपा-संघ की दशहत  से डरा हुआ नेतृत्व दक्षिणी हरियाणा के हकों के लिए लडेगा, यह दूर-दूर तक नही दिखता।

15 फरवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि प्रदेश के बजट 2022-23 में दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल क्षेत्र के 7 वर्षो में पर्याप्त बजट के अभाव में अटके पडे व अधूरी पडी सभी विकास परियोजनाओं के लिए पूरे बजट का प्रावधान करे ताकि इस क्षेत्र के साथ विकास मामले मेें हो रहे सौतेले व्यवहार का अंत हो। विद्रोही ने कहा कि हरियाणा में भाजपा-खट्टर सरकार आने के बाद राजनीतिक कारणों से दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल के साथ विकास कार्यो में पूर्व की सरकारों की तुलना में आज भेदभावपूर्ण नीति कहीं ज्यादा है और इस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यपहार किया जा रहा है। दक्षिणी हरियाणा में कांग्रेस-यूपीए के जमाने की स्वीकृत, प्रारंभ किये गए राष्ट्रीय महत्व की रेल व सड़क योजनाएं तो बनी, लेकिन अन्य विकास कार्य नही हुए। रेल व सड़क परियोजनाएं इसलिए बन रही है कि वे किसी क्षेत्र, राज्य विशेष की न होकर राष्ट्रव्यापी है और यदि उनको दक्षिणी हरियाणा क्षेत्र में भेदभावपूर्ण नीति के चलते रोका जाता है तो सम्बन्धित पूरी विकास योजना ही प्रभावित होती है।

विद्रोही ने आरोप लगाया कि जो विकास योजनाएं केवल दक्षिणी हरियाणा-अहीरवाल से सम्बन्धित है, उनके निर्माण की कछुआ गति देखकर कोई भी सहज अनुमान लगा सकता है कि भाजपा-खट्टर सरकार मानसिक व राजनीतिक रूप से किस कदर इस क्षेत्र की विरोधी है। खट्टर राज आने के बाद इस क्षेत्र को बडी व नई विकास योजना मिलना तो दूर की बात, कांग्रेस जमाने की शुरू की गई विकास परियोजनाएं विगत सात सालों से अटकी पडी है। बजट अभाव में पूरे दक्षिणी हरियाणा की शिक्षा, स्वास्थ्य परियोजनाएं पूरी ही नही हो पा रही है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि दक्षिणी हरियाणा से सम्बन्धित भाजपा के चुने जनप्रतिनिधि इतने कमजोर व स्वार्थी है कि क्षेत्र की परियोजनाओं को पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री के सामने आवाज तक नही उठाते। हालत यह है कि जब आमजन विकास योजनाओं को पूरा करवाने के लिए आंदोलन करते है व आवाज उठाते है तब भी भाजपा जनप्रतिनिधि जनता का साथ देकर आवाज उठाने की बजाय अपने निजी स्वार्थो की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री के सामने दड़ मारकर चुप बैठ जाते है।

विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य है कि हरियाणा के निर्माण के बाद ही अहीरवाल का राजनीतिक नेतृत्व दब्बू, कमजोर व निजी स्वार्थो से प्रेरित होने के कारण किसी भी सरकार व मुख्यमंत्री के सामने मजबूती से इस क्षेत्र के विकास मुद्दों को नही उठा पाया है। पर वर्तमान में हरियाणा केे निर्माण के बाद 55 वर्ष के राजनीतिक इतिहास में इस समय भाजपा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का नेतृत्व सबसे कमजोर व नकारा है जो ईडी, सीबीआई, आईटी छापों के डर से इतना डरा हुआ है कि इलाके की विकास की आवाज उठाने से भी घबराता है।

विद्रोही ने कहा कि मोदी-भाजपा-संघ की दशहत  से डरा हुआ नेतृत्व दक्षिणी हरियाणा के हकों के लिए लडेगा, यह दूर-दूर तक नही दिखता। ऐसी स्थिति में आमजनों के सामने खुद एकजुट होकर संघर्ष के बल पर अहीरवाल की आधी-अधूरी पडी विकास योजनाओं को पूरा करवानेे की लडाई मिलकर लडने के अलावा कोई विकल्प नही है।

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