पंचकूला — किसी भी गीत को लिखते समय जब एक गीतकार अपने शब्दों से गीत को लिख संगीतकार की झोली में डालता है उन्ही शब्दों को अपने संगीत के सुरों से गीत तैयार कर संगीतकार गायक तक पंहुचाता है । उस गीतकार और संगीतकार की मेहनत को अनमोल माला में हर अल्फ़ाज़ का मोल अदा करने का हुनर सिर्फ लता मंगेशकर की आवाज में था । जिस कारण लता मंगेशकर को कोकिला ओर मां सरस्वती के नाम से दुनिया मे प्रसिद्धि मिली । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की ब्रेंडम्बेस्डर व अदाकारा रितु वर्मा ने लता मंगेशकर के निधन पर दुखी ह्रदय से एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही । उन्होने कहा कि लता मंगेशकर का निधन पूरी दुनिया के संगीत जगत का अनमोल रत्न को खो देना है । लता मंगेशकर ने अपना पूरा जीवन सिर्फ गायिकी को समर्पित किया हुआ था । उन्होंने अपने जीवन मे अलग अलग भाषाओं में 50 हजार के करीब गाने गाये है । जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है । दुनिया का ऐसा कोई भी कोना नही है जहाँ पर लता मंगेशकर की आवाज का जादू लोगो कर सर चढ़ कर ना बोला हो । रितु वर्मा ने कहा आज सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी आवाज़ की कशिश युगों युगों तक हमारे बीच सदा रहेगी । Post navigation 74 साल की आजादी के बाद हिजाब पर विवाद आखिर क्यों ?— यतीश शर्मा । हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ सड़कों पर उतरी हरियाणा युवा कांग्रेस