मजहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना —- हिन्दी है हम वतन है , हिंदुस्तान हमारा । पंचकुला —- देश या राजनीति — लोकतंत्र या राजतंत्र आखिर भारत देश की राजनीति देश के युवा वर्ग को क्या सन्देश देना चाहती हैं । हम 100 साल अंग्रेजों की गुलामी सहते रहे ओर इस गुलामी से देश को आजाद करवाने के लिये हर धर्म से जुड़े देश वासी ने अपनी शहादत दी । कितनी माताओं , बहनों ने अपने बच्चों , भाइयों की कुर्बानी दी । आखिर किस लिये ? ताकि हम 74 साल की आजादी के बाद अपने युवा वर्ग के बच्चों को ये शिक्षा दें कि अगर आपको शिक्षित होना है तो अपने धर्म , संस्कृति और मर्यादा को विद्यालय से दूर रखो । बहुत दुख होता है देश में चल रही ऐसी राजनीति को देख कर आखिर ये राजनीति देश के युवाओं को किस राह पर ले जाना चाहती है ? यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही । उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कर्नाटक में एक छात्रा के साथ कुछ युवा वर्ग के छात्राओं ने उस छात्रा के हिजाब पहनने पर एतराज जताते हुए जय श्री राम के नारे लगा उसे घेरने की कोशिश की ओर उस छात्रा ने भी अपना हौंसला रख अल्लाह हु अकबर का नारा लगा उनको जवाब दिया क्या हम सोच सकते हैं कि हम देश के युवा वर्ग को क्या शिक्षा दे रहें है ? हैरत कि बात यह नही है कि वहाँ क्या हुआ । हैरत की बात यह है कि उस इस शर्मनाक हादसे पर सत्ताधारी सरकार मामले की जाँच करवा दोषियों पर कारवाई करती । हमारे राजनैतीक दलों ने उस पर धर्म के नाम की राजनैतिक रोटियां सेकनी शुरू कर दी । यतीश शर्मा ने कहा कि वो एक ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते हैं । और हिन्दू धर्म मे ब्राह्मण पूजनीय माने जाते हैं । लेकिन वो सबसे पहले एक भारतीय है और भारत देश का इतिहास पूरी दुनिया मे अपनी धार्मिक आस्था , संस्कृति , आपसी भाईचारे को लेकर विश्वविख्यात है । जिस देश की रक्षा करने वाला सैनिक सरहद पर यह नही सोचता कि वो किस धर्म का है वह सिर्फ यह याद रखता है कि वो एक भारतीय है और उसे देश मे रह रहे हर भारतीय की दुश्मन से रक्षा करनी है । कोंन किस धर्म का है उस सरहद पर खड़े सैनिक को नही पता उसके लिये भारत देश मे रह रहा हर नागरिक भारतीय है । उसे सिर्फ इतना पता है कि उसके माता पिता ने उसे फ़ौज में भेजते वक्त सिर्फ एक ही शिक्षा दी कि उसे सरहद पर दुश्मन से हर भारतीय कि रक्षा कर माँ के दूध का कर्ज व भारत मां की मिट्टी का कर्ज अदा करना है चाहे उसको शहीद होना पड़े । यतीश शर्मा ने कहा कि आज देश मे कुछ राजनैतिक दल सियासत की कुर्सी पाने के लिये धर्म की आड़ में राजनीति कर रहे हैं और देश के आपसी भाईचारे को तोड़ने की कोशिश में लगे हैं । ऐसे राजनैतिक दलों में छुपे देशद्रोही नेताओं के खिलाफ सख्त से सख्त सविधान के तहत कारवाई होनी चाहिए । कर्नाटक में हुए हिजाब मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई हो । अगर किसी भी स्कूल या कालेज में अगर कोई ड्रेस निर्धारित है तो स्कूल , कालेज प्रशासन उस पर सभी बच्चों व उनके अभिभावकों को स्पष्ट करें । यतीश शर्मा ने कहा कि देश के युवा वर्ग के बच्चों को हमने सभी धर्मों से प्रेम , नारी के सम्मान , आपसी भाईचारे की शिक्षा के ज्ञान से एकजुटता का सबक देना है ना कि किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव का । भारत देश का युवा कल के उज्ज्वल भारत का भविष्य है और देश की एकता का प्रतीक । इस लिये सत्ता की कुर्सी पर काबिज होने वाले राजनैतिक दल देश में धर्म के नाम कि राजनीति करना बन्द करे । अगर 74 वर्षों में किसी भी स्कूल या कालेज में हिजाब को लेकर विवाद नही हुआ तो आज क्यों ? Post navigation सिद्धू अपनी ही क्रीज में कैद ? गीत के हर अल्फाज का मोल अदा करती थी लता मंगेशकर — रितु वर्मा