हर रोज बड़े अफसरों के तबादले होना फिर कैंसिल होना और फिर तबादला होना मुंह बोलता प्रमाण है कि हरियाणा में अफसरों के तबादलों में संघी किस कदर मोटी चांदी कूट रहे हैै। विद्रोही

10 फरवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि हरियाणा में आईएएस, आईपीएस, एचपीएस, एचसीएस व प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की पेास्टिंग व तबादला संघीयों के लिए ऐसा दुधारू उद्योग बन चुका है जिसके बल पर वे मनमाना मोटा माल बना रहे है। विद्रोही ने कहा कि भाजपा खट्टर सरकार के पिछले कार्यकाल में संघीयों ने प्रदेश के उच्चे मलाईदार पदों के तबादले व पोस्टिंग को सुनियोजित ढंग से दुधारू उद्योग में बदला और अब भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में तबादला व पोस्टिंग के उद्योग को कामधेनू गाय समझकर इच्छानुसार मोटा माल बनाया जा रहा है। उच्च मलाईदार पोस्टों की खुले आम बोलिया लगती है। प्रदेश में आईएएस, आईपीएस, एचपीएस, एचसीएस अधिकारियों के रोजे होते तबादलों का गहराई से विश्लेषण करने पर कोई भी आसानी से समझ सकता है कि सत्ता दुरूपयोग से भाजपाई-संघी किस कदर लूट मचाये हुए है। 

विद्रोही ने कहा कि किसी आईएएस व आईपीएस अफसर का तबादला होता है और पैसा देने बाद भी मनचाहे स्थान पर पोस्टिंग न मिलने पर सम्बन्धित अधिकारी अपने मोटे माल के बल पर नई पोस्टिंग पर ज्वाईनिंग से पहले ही तबादला रद्द करवाकर मनचाही पोस्ट पर चला जाता है। भाजपा-संघी राज में तबादला व पोस्टिंग ऐसा दुधारू उ़द्योग बन चुका है जिससेे संघी माल बना रहे है। हर रोज बड़े अफसरों के तबादले होना फिर कैंसिल होना और फिर तबादला होना मुंह बोलता प्रमाण है कि हरियाणा में अफसरों के तबादलों में संघी किस कदर मोटी चांदी कूट रहे हैै। अधिकारी पैसों के बल पर केवल मनचाही पोस्टिंग ही नही पा रहे है अपितु अपने परिवार की सुख-सुविधा के लिए अफसर के रूप में मिले आलीशान बंगलों को अपने पास ही रखनेे के लिए एक-एक अफसर दूसरी मलाईदार पोस्ट पर भी मोटा माल देकर लम्बे समय तक अतिरिक्त पद पर कब्जा कर लेता है। 

विद्रोही ने कहा कि एक अधिकारी को दोहरे डयूटी चार्ज अलग-अलग स्थानों पर क्यों दिये जा रहे है। कमाल की बात तो यह है कि हरियाणा के पांच जिलों के उपायुक्तों का उसी जिले में तैनात पुलिस अधीक्षकों से बैच वर्ष में जूनियर होना बताता कि प्रदेश में पोस्टिंग-तबादलों मेें किस कदर अनियमितता की जा रही है। यह सीधा इशारा करता है कि सत्तारूढ़ संघीयों को मोटा माल देकर जूनियर अधिकारी भी नियमों को तांक पर रखकर अपने सीनियर बैचमैट अधिकारी को कमांड देने की पोस्ट पर बैठ सकता है। साफ है कि सारा खेल मोटी चांदी कूटने के लिए किया जा रहा है। जब बड़े अफसरों के तबादले व पोस्टिंग की खुली बोलिया लग रही हो, सत्ता दुरूपयोग से संघी मोटी चांदी कूट रहे हो तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि भारी पैसा देकर तबादला व पोस्टिंग पाने वाले अधिकारी किस कदर आमजन को लूट रहे होंगे।

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा के सभी आईएएस, आईपीएस, एससीएस, एचपीएस व प्रथम श्रेणी के अधिकारियों, भाजपा-संघी मंत्रीयों, सांसदों, विधायकों व उच्च संघी नेताओं व उनके परिवारजनों की विगत सात साल की चल-अचल सम्पत्तियों की स्वतंत्रत व निष्पक्ष जांच हो तो पता चल जायेगा कि संघीयों व अफसरों ने किस हद तक सत्ता दुरूपयोग से हरियाणा को लूटा है।

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