भिवानी। हिंदी और उर्दू शायरी का प्रतिष्ठित नाम डाक्टर विजेन्द्र गाफिल ने अपने आने वाले गजल संग्रह गर याद रहे को स्वर सम्राज्ञी भारत कोकिला दिवंगत लता मंगेशकर के नाम समर्पित किया है। डाक्टर गाफिल ने कहा कि लता जी वास्तव में भारत की रत्न थी। वो महज एक गायिका ही नहीं भारतीय संगीत की प्रतिमूर्ति थी, जिसने हिंदी गीतों को अपनी आवाज देकर उनके माध्यम से संगीत को विश्व में एक नई पहचान दी। उनकी आवाज सदैव भारतीय जनमानस के दिलों में गूंजायमान रहेगी।
उन्होने कहा कि उन्होने कहा कि जब वें मुम्बई में थे तो उस समय उनकी मुलाकात लता दीदी से हुई थी। उन्हे याद है कि जब लता दीदी का यह बताया कि वें हरियाणा से हुई तो उन्होने कोई हरियाणवी शेर सुनाने को कहा था। डाक्टर गाफिल ने कहा कि अपने प्रकाशनाधीन गजल संग्रह को महान गायिका को समर्पित करके अपने आपको वें गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उन्होने बताया कि यह उनका 12वां संग्रह है। इस गजल संग्रह में उनके पशंदीदा 120 गजलें हैं। बताना होगा कि डाक्टर विजेंद्र्र गाफिल ने 11 हजार शेर की गजल लिख कर विश्व रिकार्ड बनाया था। अब उन्होने गीता का अंग्रजी, हिंदी औा उर्दू में अनुवाद किया है, जो हिंदी सााहित्य को एक बड़ी देन है।