हिसार : हिसार के डीएन काॅलेज के निकट ओपन माइक कार्यक्रम में नवरचनाकारों को संबोधित करते हुए हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष कमलेश भारतीय ने कहा कि श्रेष्ठ साहित्य पढ़ो और समाज के लिए लिखो । साहित्य में जिस विधा में लिखना है उसी विधा के श्रेष्ठ लेखकों की पुस्तकें पढ़ो जिससे गहराई और समझ आयेगी । समाज के लिए लिखो और सोचो । मुंशी प्रेमचंद ने कहा थे कि साहित्यकार राजनीति को भी रास्ता दिखाने वाली मशाल है , आप भी एक मशाल और मिसाल बनें । इसी प्रकार दिनकर ने भी नेहरू की कहा था कि जहां राजनीति डगमगाती है , वहीं साहित्य उसे थाम लेता है ।

इस कार्यक्रम में कमलेश भारतीय ने अपनी लघुकथाओं सात ताले और चाबी , जन्मदिन , ऐसे थे तुम आदि चर्चित लघुकथाओं का पाठ भी प्रस्तुत किया । रश्मि ने इनकी लघुकथा मैं नहीं जानता का पाठ किया । उल्लेखनीय है कि जन्मदिन लघुकथा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पाठ्यपुस्तक में संकलित है । भारतीय ने शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां और शहीद भगत सिंह के परिवारजनों से जुड़े संस्मरण भी सुनाये । कार्यक्रम के संयोजक रवि कौशिक व मयंक गक्खड़ ने कमलेश भारतीय को स्मृतिचिन्ह प्रदान किया ।

इस अवसर पर अनुभूति संस्था की ओर से अर्चना ठकराल, कल्पना रहेजा और डाॅ अंजू मनुजा भी मौजूद थीं । वरिष्ठ कवि जयभगवान लाडवाल व वीरेंद्र कौशल भी मौजूद रहे । कार्यक्रम में पचास नये रचनाकारों ने काव्य पाठ किया । संर साम्राज्ञी लता मंगेशकर को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ।

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