आरोप जांच में हत्यारोपी को दीक्लीन चिट अवैध वसूली के भी आरोप.
एसजीटी यूनिवर्सिटी में शूटआउट का मामला बीते वर्ष 8 अक्टूबर का.
यहां मेडिकल के फाइनल ईयर के स्टूडेंट को गोली मार की थी हत्या.
मृतक छात्र के पिता की मांग पर एसटीएफ को सौपी गई थी जांच.
एसटीएफ के द्वारा जो भी जांच की गई वह रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के और फर्रुखनगर इलाके में मौजूद एसजीटी यूनिवर्सिटी में शूटआउट मामले में छात्र की गोली मारकर हत्या दिए जाने के मामले में हत्या आरोपियों को कथित क्लीन चिट देने के आरोप में इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है । हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं । वहीं सूत्रों के मुताबिक मृतक छात्र के पिता के द्वारा अपने पुत्र की हत्या की जांच के लिए उच्चाधिकारियों से फरियाद की जाने के बाद इस शूटआउट मामले में छात्र की हत्या की जांच एसटीएफ के द्वारा करवाई गई । हालांकि यह मामला अदालत में सुनवाई के लिए विचाराधीन भी है।

गौरतलब है कि बीते वर्ष अक्टूबर माह में एसजीटी यूनिवर्सिटी में बीएएमएस के फाइनल ईयर के एक छात्र की भरी दोपहरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । आरोप अनुसार यूनिवर्सिटी में ही पढ़ने वाले लकी नामक छात्र के द्वारा इस शूटआउट की घटना को अंजाम दिया गया था । कथित रूप से यह गोलीबारी अथवा शूटआउट गर्लफ्रेंड प्रकरण के विवाद को लेकर होना बताया गया था । चलाई गई गोली छात्र के पेट में लगी थी और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी । मृतक छात्र की पहचान बी ए एम एस के फाइनल ईयर में पढ़ने वाले यूपी  निवासी विनीत के रूप में की गई थी। बताया गया है कि इस हत्याकांड में लक्की -पंखील के अलावा उसके दोस्त नितेश ,राहुल तथा एक युवती हिमानी का भी हाथ शामिल था। शूटआउट के बाद यह सभी आरोपी फरार हो गए थे । लेकिन पुलिस ने अपना शिकंजा कसते हुए मुख्य हत्या आरोपी छात्र लक्की को गिरफ्तार कर लिया गया था ।

सूत्रों के मुताबिक शूटआउट मामले की आरंभिक जांच सीआईए 10 के द्वारा की गई । कथित रूप से इस मामले में जांच से संतुष्ट नहीं होने पर मृतक छात्र के पिता के द्वारा न्याय के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से फरियाद की गई । सूत्रों के मुताबिक मामला पेचीदा और संगीन देखते हुए इसकी जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया गया । सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ के द्वारा की गई जांच में यह तथ्य उभर कर सामने आया कि शूटआउट मामले सहित हत्या की जाने की सही प्रकार से जांच नहीं की गई है। कथित रूप से आरोप लगाए गए कि आरंभिक जांच के दौरान ही मुख्य जांच पुलिस अधिकारी के द्वारा आरोपी पक्ष से साठगांठ करके और कथित रूप पैसे का लेनदेन करते हुए हत्या के आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई । वहीं इस मामले में पीड़ित पक्ष के द्वारा भ्रष्टाचार सहित अन्य प्रकार के भी गंभीर आरोप लगाए गए ।

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ के द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट हरियाणा के डीजीपी को सौंपी गई । कथित रूप से इस जांच में सीआईए सेक्टर 10 इंचार्ज इंस्पेक्टर वीरेंद्र हुड्डा की भूमिका को जांच के दौरान निष्पक्ष नहीं पाया गया । इसके बाद में कथित रूप से डीजीपी के निर्देशानुसार गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर केके राव के द्वारा इस शूटआउट मामले में बड़ी और कठोर कार्रवाई करते हुए सीआईए सेक्टर 10 इंचार्ज इंस्पेक्टर वीरेंद्र हुड्डा को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए गए । इसके साथ ही विभागीय जांच की भी अनुशंसा की गई है । बताया गया है कि मृतक छात्र का अन्य हत्यारोपी धनंजय नामक छात्र अभी भी फरार चल रहा है , जिसकी तलाश एसटीएफ के द्वारा की जा रही है।  फिलहाल जिस प्रकार से एसजीटी यूनिवर्सिटी में शूटआउट और छात्र की दिनदहाड़े की गई हत्या के मामले में अलग-अलग जांच के बाद जो भी तथ्य संबंधित जांच पुलिस अधिकारियों और टीम के सामने आए, उन्हीं के आधार पर ही इंस्पेक्टर विजेंद्र हुड्डा को सस्पेंड किया गया है।

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