गुरुग्राम बना नेताओं का टूरिस्ट स्पॉट तो जनता हुई हलकान और अधिकारी हुए पस्त

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम, 3/2/2022 :- ‘यों तो गुरुग्राम की पहचान एक मिलेनियम सिटी या फिर साइबर हब के रूप में होती है किन्तु आजकल ये शहर हर रोज वीआईपी के स्वागत में आरामगाह बना हुआ है।’ शहरों में प्रतिदिन होने वाली वीआईपी मूवमेंट अब शहरवासियों और प्रशासनिक अधिकारियों की परेशानी का सबब बनने लगा है।

प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला होने के कारण सभी बड़े नेताओं, मंत्रियों व सेलिब्रेटी की आंखों का तारा बना हुआ है ये महानगर। इसी कारण हमारी मुख्यमंत्री खट्टर को सलाह है कि उन्हें प्रदेश में ‘आतिथ्य सत्कार विभाग’ नाम से एक नए महकमे का सृजन करके उस पर एक कैबिनेट स्तर का मंत्री बैठा देना चाहिए ताकि स्थानीय जनता और जिला प्रशासन चैन की सांस ले सके।

‘आवभगत व स्वागत विभाग’ का अलग से महकमा बनने पर सरकार को भी लाभ मिलेगा वहीं नौकरियों के भी द्वार खुलेंगे।
अगर ऐसा ये खट्टर सरकार नही करती है तो फिर बीजेपी नेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा इस शहर को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी समझ कर इसका जमकर दोहन चलता रहेगा और सुविधाओं के नाम पर यहां का पैसा यहां न लग कर उसका उपयोग प्रदेश के अन्य हिस्सों में बदस्तूर किया जाता रहेगा।

शहर में हर रोज वीआईपी मूवमेंट से आम नागरिक तो परेशान हैं ही अधिकारी भी अपने विभागीय जरूरी कामों को निपटाने की बजाए बेड़े नेताओं और सेलिब्रेटी की आवभगत में ही लगे रहते हैं। बीजेपी नेताओं, मंत्रियों और विशेषकर सीएम व राज्यपाल तो इसे पिकनिक स्पॉट समझ कर जब चाहें यहां अपना डेरा डाल लेते हैं। उन्होंने कहा कि शायद इन्हें सोने का अंडा देने वाली इस मुर्गी का वो सुनहरी अंडा इतना पसंद आ गया कि उसे पाने को ये इतना लालायित रहते हैं कि इनका मोह यहां से छूटता ही नही।

जनता भी इन आगन्तुकों के बेसमय आगमन से अब आजिज आ चुकी है, उन्हें अपने कामों से बार बार दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं और अधिकारियों के इन वीआईपी की आवभगत व सुरक्षा में मशगूल होने के चलते इन लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।

इसलिए प्रदेश के सीएम से गुरुग्राम की स्थानीय जनता मांग करती है कि ‘आवभगत व स्वागत विभाग’ का एक नया महकमा गुरुग्राम में बना ही देना चाहिये।

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