शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के पैतृक गांव रणसीका में मनाया जाएगा. पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता होंगे मुख्य अतिथि फतह सिंह उजाला पटौदी । दक्षिणी हरियाणा का अहीरवाल इलाका सैनिकों की खदान और शहादत सहित देश के लिए बलिदान देने वालों के तौर पर एक मिसाल बना हुआ है। इसी क्षेत्र के पटौदी हलके के गांव रणसीका के रहने वाले युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू का चौथा शहीदी दिवस समारोह उत्साह और देशभक्ति से परिपूर्ण माहौल के बीच 4 फरवरी शुक्रवार को मनाया जाएगा । इस मौके पर पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता मुख्य अतिथि होंगे । अमर शहीद कैप्टन कपिल कुंडू मेमोरियल ट्रस्ट के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि महज 22 वर्ष की छोटी सी आयु में शहीद हुए गांव रणसीका के रहने वाले कैप्टन कपिल कुंडू अपने हंसमुख स्वभाव, कविता लेखन और जाबाजी के लिए आज भी युवाओं के बीच में प्रेरणा बने हुए हैं । 4 फरवरी 2018 को युवा कैप्टन कपिल कुंडू ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया था। विपरीत हालात में और मौसम सही ना होने की वजह से उनका पार्थिव शरीर 6 फरवरी 2018 को पैतृक गांव रणसीका पहुंच सका था और देर रात ही सैनिक सम्मान के साथ युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू को अंतिम विदाई दी गई थी। युवा शहीद बेटे कैप्टन कपिल कुंडू की माता श्रीमती सुनीता कुंडू के मुताबिक शहीद कैप्टन कपिल कुंडू का चौथा बलिदान दिवस सैनिक परंपरा और गरिमा पूर्ण तरीके के साथ में ही शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के शहीद स्मारक पर मनाया जाएगा । गौरतलब है कि 4 वर्ष पहले पाकिस्तानी रेंजर के द्वारा जम्मू कश्मीर के राजौरी और पुंछ जिलों में एलओसी पर गोलीबारी की गई थी । इतना ही नहीं दुश्मन देश और सैनिकों के द्वारा एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल बंकर उड़ाने के लिए भी दागी गई थी । इतना भयंकर दुश्मन की तरफ से हमला किया जाने के पाक के नापाक इस हमले में 22 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू सहित भारत के 4 जवान शहीद हो गए थे । कैप्टन कपिल कुंडू अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। सेना की 15 जैकलाइ यूनिट के कैप्टन कपिल कुंडू उन दिनों जम्मू- कश्मीर के राजौरी जिले में तैनात थे। कैप्टन कपिल अपनी विधवा मां सुनीता के इकलौते बेटे थे। उनसे बड़ी दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। साल 2012 में कपिल का एनडीए में सलेक्शन हुआ था, जहां से वे इंडियन अर्मी के लिए चुने गए थे। उनमें बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा कूट-कूटकर भरा था। एनडीए में ट्रेनिंग के दौरान भी उनके जोशीले और देशप्रेम के व्यवहार से हर कोई परिचित था। पाकिस्तान के द्वारा कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास राजौरी और पुंछ जिलों में फिर सीजफायर तोड़ते हुए हैवी फायरिंग और शेलिंग की गई, इसमें एक जवान समेत पांच स्थानीय लोग भी घायल हुए थे। यही वह समय था जब युवा कैप्टन कपिल कुंडू ने पाकिस्तान के कायराना हमले का जवाब देते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया। शुक्रवार को रणसिका गांव में शहीद कैप्टन कुंडू के शहीद स्मारक पर ही श्रद्धाजंलि अर्पित करने के साथ ही ध्वजारोहण कर शहीद कुंडू के साथ अन्य ज्ञात-अज्ञात शहीदों नमन किया जाएगा। शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के बलिदान दिवस के मौके पर शहीद परिवारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा । Post navigation अमृत बजट में जुमलेबाजी का जहर सरकार का खजाना भरा, लेकिन आंखों के लेंस का टोटा !