पंजाब विधानसभा चुनाव में टिकटों के बटवारे को लेकर घमासान — प्रीति धारा

पंचकूला — चुनाव चाहे विधानसभा के हों या लोकसभा के हर राजनैतीक दल व पार्टी द्वारा चुनाव का उम्मीदवार अपने पिछले 5 सालों में अपने किये गये जनता की भलाई के कार्य का परिणाम लेने जनता के बीच जाता है । मगर जब कोई भी पार्टी अपने उस उम्मीदवार की टिकट काट कर किसी ओर को चुनावी क्षेत्र में उम्मीदवार घोषित करती है तब हर पार्टी का नेता बगावत पर उत्तर जाता है । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की अंतरराष्ट्रीय निदेशक महिला विंग कि प्रीति धारा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होने कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर जब कोई भी बड़े से बड़ा राजनेतिक दल जनता की भलाई की तरफ ना देख कर महज सत्ता की कुर्सी पाने के लिये जोड़ तोड़ की राजनीति खेलता नजर आता है । पार्टी हाईकमान दिल्ली से हर स्टेट में अपना हस्तक्षेप करते हुए नागरिकों की आवाज सुनने की बजाय अपने पुराने नेताओँ की अनदेखी करने से भी बाज नही आता । वो सिर्फ सत्ता की कुर्सी पर नजर रखे रहता है और दूसरी पार्टी से आये नेताओँ को टिकट दे अपने कर्मठ व जनता के चहेते नेताओं के साथ भी दगा कर अपनी राजनीति का खेल खेलता नजर आता है ।

प्रीति धारा ने कहा कि भारत देश एक आजाद व लोकतांत्रिक देश है । मगर आजादी के 74 साल भी इन राजनैतीक दलों की गुलामी का शिकार हो जनजिनरो में कैद रह रहा है । आखिर क्यों ?

उन्होंने कहा कि हर 5 साल बाद भी ये राजनैतीक दल जनता की भलाई के लिए एक नया मेनिफेस्टो लेकर जनता को लुभाने के लिये अपना जाल फेंक नागरिकों को गुमराह करता है लेकिन वह भुल जाता है कि इस मेनिफेस्टो में लिखा हर शब्द ना जाने कितने वर्षों से देश की आवाम सुनती नजर आ रही है । पर कोई भी राजनेतिक दल अपने वादों पर खरा नही उतरता ।

प्रीति धारा ने देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि देश की जनता को अब जागना होगा अगर वो सच में इन राजनैतीक दलों द्वारा फेंकी गई गुलामी की जंजीरों में कैद ना होकर सिर्फ अपने लोकतंत्र के अधिकारो से अपना नेता चुने ओर अपनी सूझबूझ से ही वोट डालने जाये और अपने हक , अधिकारों को समझ वोट डाले ।

उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चुनाव हों तो उस स्टेट की जनता सिर्फ अपने नेता और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाले कि तरफ ही नजर रखे दिल्ली की तरफ नहीं । जब लोकसभा चुनाव हों तो सिर्फ दिल्ली पर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने वाली राजनीतिक पार्टी पर की वह पार्टी देश को बचाने के ओर आवाम की सुरक्षा में कितनी सक्षम है ।

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