आंतकवादियों की गोलियों का परिवार सहित शिकार हुए थे एमएल वर्मा
गांव ललाहड़ी कला सहित प्रदेश के कई जिलों में मनाया शहीदी दिवस

पंचकूला,चंडीगढ़। हरियाणा के अतिरिक्त प्रधान सचिव रहे एमएल वर्मा की शहादत मगलवार को समर्पण दिवस के रूप में मनाया गया। आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा का शहीदी दिवस पंचकूला सहित उनके पैतृक गांव ललाहड़ी कला जिला यमुनानगर के साथ प्रदेश के जिला कैथल, यमुनानगर, जींद, करनाल व कुरूक्षेत्र में भी मनाया गया। उनके छोटे भाई कमिश्नर करनाल मंडल संजीव वर्मा व ग्रामीणों ने शहीद एमएल वर्मा  की समाधि पर पहुंचकर पुष्प अर्पित कर उनको याद किया।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के प्रधान सचिव रहे आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा का 30वां शहीदी दिवस है। पूर्व आईएएस एमएल वर्मा को पूरे परिवार के साथ आतंकवादियों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। एमएल वर्मा प्रधान सचिव रहते हुए ही आंतकवादियों की गोलियों का परिवार सहित शिकार हुए थे। चंडीगढ़ से गांव कक्कड़माजरा जाते समय आंतकवादियों ने एमएल वर्मा, उनकी धर्मपत्नी प्रीति वर्मा व दो छोटे-छोटे बेटे गौरव व सौरभ सहित गाड़ी में सवार सभी छ: लोगों को गोलियों से नींद की मौत सुला दिया था। एक फरवरी 1992 को आईएएस अधिकारी एमएल वर्मा जब शहीद हुए थे उस समय वे पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के प्रधान सचिव थे। एमएल वर्मा 1972 के एचसीएस अधिकारी थे, 1988 में आईएएस अधिकारी बने थे। हरियाणा और पंजाब के साथ एसवाईएल नहर विवाद और राजधानी विवाद के मुदद्े राज्य की तरफ से वह ही खूद देख रहे थे। आंतकवादियों ने वर्मा के ड्राईवर व गनमैन को भी मार डाला था।

error: Content is protected !!