बीडीपीओ पटौदी ऑफिस में एमएलए जरावता के खिलाफ नारेबाजी.
गुस्साई ग्रामीण महिलाओं ने बीडीपीओ ऑफिस में ही फोड़े मटके.
कर्मचारी ऑफिस में बैठ, एमएलए और सरकार विरोधी नारे सुनते रहे

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता अपने विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव में नहरी पानी पहुंचाने की मुहिम को पूरा करवाने में रात-दिन एक किए हुए हैं । लेकिन दूसरी ओर हालात कुछ और ही बनते हुए दिखाई दे रहे हैं । मंगलवार को इसकी बानगी बीडीपीओ ऑफिस पटौदी परिसर में दिखाई दी। जब कड़ाके की सर्दी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे नरहेड़ा के ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा । गुस्साई महिलाओं ने बीडीपीओ ऑफिस परिसर में ही मटके फोड़कर अपना गुस्सा और रोष जाहिर किया। लेकिन मौके पर कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं था, जो कि ग्रामीणों को संतोषजनक जवाब देकर संतुष्ट कर वापिस भेज देता।

मंगलवार को शायद यह पहला मौका था जब वर्ष 2022 में पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के विधानसभा क्षेत्र के ही ग्रामीणों के द्वारा भाजपा सरकार के साथ-साथ एमएलए एडवोकेट जरावता के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई । महिलाओं में इस कदर गुस्सा था कि कुछ महिलाओं ने तो यहां तक कह डाला कि यदि आज बीडीपीओ मैडम यहां ऑफिस में मिल जाती, तो मैडम की जमकर खबर लेते-मैडम का तो लटूरा भी ना पाता! मंगलवार को गांव नरहेड़ा के रामकरण के साथ-साथ अनेक महिलाएं अचानक से पटौदी के बीडीपीओ ऑफिस परिसर में पहुंची । एक साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं को देखकर ऑफिस में मौजूद कर्मचारियों ने भी खलबली सी मच गई कि आखिर ऐसा क्या हो गया ? जो एक साथ इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीण यहां पहुंच गए । मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और महिलाओं ने मौजूद कर्मचारियों से जानना चाहा कि बीडीपीओ मैडम कहां है और कब तक यहां ऑफिस पहुंचेगी? लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका ।

ग्रामीण महिलाओं के मुताबिक नरहेड़ा गांव में गोहर वाली टंकी पेयजल नलकूप से पानी की आपूर्ति बीते 2 माह से बिल्कुल भी नहीं हो रही है । वास्तव में पानी की समस्या बीते 1 वर्ष से बनी हुई है , लेकिन 2 महीने से हालात बद से बदतर हो चुके हैं । ग्रामीणों के आरोपानुसार गांव में पानी की समस्या के समाधान के लिए अनेकों बार यहां अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं । पानी की समस्या के विषय में एमएलए को भी जानकारी दी जा चुकी है । लेकिन अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से बेलगाम दिखाई दे रहे हैं। जब अधिकारी और कर्मचारी एम एल ए के आदेशों को भी नहीं मानते , तो ऐसे में ग्रामीणों के द्वारा दी जाने वाली एप्लीकेशन और शिकायत पर क्या कार्यवाही संभव होगी ? इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है । ग्रामीणों के मुताबिक गोहर वाली पेयजल नलकूप टंकी की केबल पाइप मोटर सब कुछ बीते 2 माह से नकारा होकर एक प्रकार से कबाड़ बनी हुई है ।

हालात यह बने हुए हैं कि हाड जमा देने वाली कड़ाके की सर्दी में बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है । ग्रामीणों के मुताबिक सोमवार को भी गांव के पुरुष पानी की समस्या के समाधान के लिए आए थे, लेकिन टरका कर भेज दिया गया। आज मंगलवार को यहां बीडीपीओं मैडम भी गायब है, आरोप लगाया कि मैडम आफिस में मिलती ही नहीं। महिलाओं नेसवाल किया कि तब बीडीपीओं कुर्सी पर ही नहीं बैठ रही तो सरकार से तनखाह किस काम की ले रही ? अब आखिरकार महिलाओं को ही मजबूरी में गांव और घर से बाहर निकल कर आना पड़ा है । महिलाओं ने बताया डांगर- ढ़ोर का काम करना भी समस्या बना हुआ है । खेतों में से टैंकर के द्वारा पानी लाकर घर गृहस्ती का काम किया जा रहा है । गांव के सरपंच को भी इस समस्या के समाधान के बारे में कहा गया , लेकिन काम नहीं किया जा रहा है।

दो माह पहले भी यहां बीडीपीओ ऑफिस में ग्रामीणों के द्वारा लिखित में शिकायत दी गई और मंगलवार तक ग्रामीणों को पीने के पानी उपलब्ध करवाने की तरफ किसी भी प्रकार का काम नहीं किया गया। गुस्साई महिलाओं ने एक बार तो बीडीपीओ के ऑफिस में भी घुसकर देखने का प्रयास किया कि कहीं डीडीपीओ महोदया अपने कमरे में तो नहीं चुपचाप बैठी हुई है ? लेकिन मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने अधिकारी के कमरे का दरवाजा नहीं खोलने दिया । इसके बाद गुस्साई महिलाओं ने बीडीपीओ कार्यालय परिसर में एक के बाद एक मटके फोड़ एक प्रकार से चेतावनी देने का काम किया कि यदि जल्दी ही गोहर वाली टंकी जहां से अनेकों घरों में पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है, इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो एक बार फिर से यहां बीडीपीओ ऑफिस में पहुंचकर अधिकारियों और कर्मचारियों का घेराव किया जाएगा ।

महिलाओं ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि सर्दी के मौसम में दुधारू मवेशी को गर्म पानी पिलाना जरूरी है । लेकिन पानी ही नहीं आ रहा तो अपने मवेशियों को किस प्रकार से पानी पिलाया जाए ? यही हाल घर गृहस्ती का है। घर में जरूरत का पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । बुजुर्ग महिलाओं ने तो यहां तक कहा कि फिलहाल सर्दी का समय है , गर्मी का मौसम हो तो जिस प्रकार की लापरवाही और अनदेखी की जा रही है । उस हिसाब से गांव के लोग और जानवर पानी की आस में प्यासे ही दम तोड़ दें । गुस्साई महिलाओं और ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द गोहर वाली टंकी पेयजल आपूर्ति से संबंधित सभी घरों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए अन्यथा आगे जो कुछ भी होगा उसके लिए पूरी तरह से पटौदी के एमएलए सत्य प्रकाश जरावता, पटोदी का प्रशासन और बीडीपीओ पटौदी मैडम की ही जवाबदेही होगी। 

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