देश का आम बजट एक साल के लिए होता है, पर यह सरकार अगले पांच साल और बीस साल का सब्जबाग दिखाकर लोगों को मूर्ख बना रही है

1/2/2022 :- ‘बजटीय इतिहास का सबसे निराशाजनक बजट। गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, मज़दूर, युवा, महिलाओं, बेरोज़गारों व वरिष्ठ नागरिकों में से किसी के लिए कुछ नहीं है, जो कुछ है उस पर इस सरकार का भरोसा नहीं। केवल बेरहमी से टैक्स वसूलने वाला है और भविष्य की कोई दिशा नहीं,ग्रामीण विकास का कोई विज़न नहीं, केवल जुमलेबाजी भरा बजट है’ केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट को लेकर ये कहना है कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सुनीता वर्मा का।

यूपी चुनावों में कांग्रेस पार्टी द्वारा ऑब्जर्वर की दी गई जिम्मेदारी को निभा रही कांग्रेस नेत्री ने यूपी के अमरोहा से फोन पर संवाद के दौरान बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि मनरेगा के बजट में 25 हजार करोड़ की कटौती, खाद्य-सब्सिडी में 80 हजार करोड़ की कटौती और किसानों के लिए उर्वरक सहायता कोष में 35 हजार की कटौती! स्पष्ट है कि मोदी सरकार की मानसिकता व प्राथमिकता क्या है ये बजट बता रहा है। उन्होंने कहा कि बजट में कही हुई बातें और दिखाए हुए आंकड़े आपको आपका घर भी किसी 7 स्टार होटल जैसा महसूस कराने लगता है लेकिन इनका बजटीय भाषण ख़त्म होते ही वो घर ढाबा लगने लगता है।

वर्मा ने बताया कि मोदी सरकार ने जनता की भारी मांग के बावजूद जनता को राहत देने वाला इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, आखिर जनता को किस बात की सजा दे रही है ये सरकार। उन्होंने कहा कि इस बार का बजट वैसा ही है जैसे 15 लाख रुपये, 2 करोड़ नौकरियां, किसानों की आय दुगुनी, 5 ट्रिलियन इकोनॉमि, महिलाओं की सुरक्षा, महंगाई पर वार जैसे पूर्व के जुमले। इसलिए इस बजट को भी जनता वैसे ही इग्नोर करे जैसे फेंकू के झुमलो को करते है। मिलने वाला कुछ भी नहीं पिछले वाले 20 लाख करोड़ रुपये भी खत्म ना हो रहे।

कांग्रेस नेत्री ने फोन पर हुए संवाद के दौरान कहा कि यह बजट 25 साल के लिए है अभी समझ नहीं आएगा, नौकरी देने के लिए पैसा नहीं है, महंगाई पेट्रोल डीजल का प्रमोशन होगा, इनके अनुसार बीए, एमए, एमएससी आदि किससे पूछ के की थी युवाओं ने, आईटीआई कर लेते तो 6500 तो मिल जाते।

वर्मा ने कहा कि इनकी चार सौ वंदे मातरम ट्रेन भारत में वैसे ही दौड़ेगी जैसे बुलेट ट्रेन दौड़ रही है इनकी बनाई स्मार्ट सिटी में। उन्होंने कहा कि कहने और करने मे बहुत फरक होता हैं, इन्होंने कहा था कि 2022 तक भारत विश्वगरू बन जायगा बन गया क्या? अब ये 25 साल आगे के सपने बेचने लग गए।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि बजट में आम आदमियों, बेरोजगारों के लिए बजट में कुछ नहीं, महंगाई काबू करने के लिए और नौकरी पेशा के लिए कुछ नहीं, बजट में युवा व किसानों के लिए सिवाय लॉली पॉप के कुछ नहीं है। जनहित की उवेक्षाओं वाले इस खोखले बजट को एक लाइन में इस तरहं समझा जा सकता है कि ‘बजट का काल्पनिक काल, अमृत उत्सव से लेकर अमृत काल तक।’

error: Content is protected !!