महाकाल गौ सेवा सदन हेड़ाहेड़ी में श्रद्धा भाव और देशभक्ति उमंग.
भारतीय सनातन संस्कृति में माघ माह का धर्म-कर्म में विशेष महत्व.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले गांव में निकाली गई प्रतिमाओं की परिक्रमा

फतह सिंह उजाला

पटौदी । यह एक संयोग ही है कि भारतीय सनातन संस्कृति में माघ माह में धर्म-कर्म, हवन यज्ञ, जप-तप, तपस्या, धार्मिक अनुष्ठान सहित धार्मिक कार्यों का एक अपना अलग ही विशेष महत्व है । दूसरी ओर सरकार के द्वारा 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से लेकर 30 जनवरी महात्मा गांधी की पुण्यतिथि तक विभिन्न प्रकार के देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी कड़ी में पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव हेड़ाहेड़ी में भक्ति भाव और राष्ट्रभक्ति का अनुपम संयोग और ग्रामीणों में अलग ही उत्साह देखने के लिए मिला।

देश में बेबस, लाचार, आवारा , जख्मी , घायल गोधन के लिए अपनी तरह की पहली स्थापित की गई महाकाल गौशाला परिसर में सोमवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर यहां विभिन्न देवी-देवताओं के साथ ही भारत माता की प्रतिमा की वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि विधान के साथ में प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस पूरे धार्मिक और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम के सूत्रधार महाकाल गो सेवा सदन के संचालक महंत राज गिरी महाराज के मार्गदर्शन में सोमवार को सामूहिक हवन यज्ञ में सर्व जन कल्याण और सभी के स्वस्थ रहने सहित कोरोना जैसी महामारी की समाप्ति के लिए आहुति अर्पित की गई । इससे पहले संडे को मेजबान गांव में शिव परिवार, राधा कृष्ण, हनुमान, राम दरबार, नवग्रह, नंदी देवता, बाबा खाटू श्याम, शेरावाली माता, और भारत माता की प्रतिमा को भव्य तरीके से सजाकर तथा श्रृंगार करके ढोल बाजे के साथ पूरे गांव में भजन कीर्तन सहित परिक्रमा करवाई गई । इस धार्मिक और राष्ट्रभक्ति के सांझा आयोजन मैं मुख्य आकर्षण सैकड़ों की संख्या में पवित्र कलश लिए महिलाओं का सभी प्रतिमाओं के आगे आगे भजन गाते हुए श्रद्धा भाव से चलते हुए महाकाल गो सेवा सदन तक पहुंचना रहा। महाकाल गौ सेवा सदन पहुंचकर महिलाओं के द्वारा कलर्स गो सेवा सदन परिसर में स्थापित किए गए इस दौरान मौजूद सैकड़ों की संख्या में पुरुष बच्चे महिलाएं बुजुर्ग गौ भक्त विभिन्न देवताओं के जयकारे लगाते हुए भारत माता की जय बोलते रहे ।

देव स्तुति- राष्ट्रभक्ति का अद्भुत संजोग
सोमवार को महाकाल गो सेवा सदन के संचालक महंत राजगिरी के मार्गदर्शन में गौ सेवा सदन परिसर में अलग-अलग स्थानों पर वैदिक मंत्रोच्चारण और संपूर्ण विधि विधान के साथ सबसे पहले शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा की गई , इसके बाद महादेव का श्रद्धालुओं के द्वारा अभिषेक किया गया। राधा कृष्ण का नयनाभिराम श्रृंगार करके इनकी प्रतिमाओं की भी प्राण प्रतिष्ठा विधि विधान के साथ में की गई। संकट मोचन हनुमान जी की और साथ में ही राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा भी संपूर्ण विधि विधान के साथ में संपन्न की गई । कलयुग में सबसे अधिक पूजे जाने वाले खाटू नरेश श्याम बाबा की भी गौ सेवा सदन परिसर में प्राण प्रतिष्ठा की गई । इसके साथ ही भगवान शिव के सबसे प्रिय नंदी महाराज अथवा नंदी देवता की भव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई । मुख्य आकर्षक और प्रेरणादाई प्रतिमा भारत माता की प्रतिमा की भी गौ सेवा सदन परिसर में ही प्राण प्रतिष्ठा किया जाना रहा। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाते हुए पूरा माहौल देशभक्ति से भर गया ।

युवा वर्ग को मिले राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा
इस मौके पर महंत राज गिरी महाराज ने महाकाल गौ सेवा सदन में पहुंचने वाले आसपास के ग्रामीण इलाकों से तथा दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं और गो भक्तों का आह्वान किया कि जिस प्रकार से देवी देवताओं की पूजा अर्चना आराधन के बाद हमें मानसिक शांति और आत्मबल प्राप्त होता है। इसी की बदौलत ही सभी को अपने जीवन में यह सामर्थ्य पुण्य करने की प्रेरणा भी मिलती है । उन्होंने कहा कि माता का दर्जा भारत माता, गौ माता और जननी को ही दिया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन पर्यंत इन तीनों माताओं का सम्मान करते रहना सेवा भी करनी चाहिए । इसी मौके पर उन्होंने कहा कि भारत माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा किया जाने का मुख्य उद्देश्य आज के युवा वर्ग को राष्ट्रभक्ति के प्रति प्रेरित करना है । महाकाल गौ सेवा सदन में सोमवार को जो विभिन्न नो देव प्रतिमाओं सहित भारत माता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है । इसके बाद से निश्चित ही यहां आने वाले गौ भक्तों तथा श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान और शांति तथा और खास तौर से युवा वर्ग को राष्ट्रभक्ति की परमपिता परमेश्वर की कृपा से प्रेरणा मिलती रहेगी । उन्होंने कहा अध्यात्म और राष्ट्रभक्ति दोनों का आपस में बहुत गहरा संबंध है। आत्मबल जितना अधिक मजबूत होगा उतना ही अधिक राष्ट्र की सेवा करने का भी जज्बा युवा वर्ग में बना रहेगा । इस मौके पर उन्होंने परम पिता परमेश्वर से सभी के सुख में जीवन की कामना की, वही महाकाल गौ सेवा सदन में पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद ग्रहण कराया गया। 

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