स्क्रैप ठेकेदार के पिता पर गोली चला जानलेवा हमले का मामला.आरोपियों के कब्जा से दो देशी कट्टा व दो जिंदा कारतूस बरामद फतह सिंह उजालारेवाड़ी। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए बावल थाना पुलिस ने स्क्रैप ठेकेदार के पिता पर गोली चलाते हुए जानलेवा हमला करने और धमकी देने के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ’गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान गांव पातुहेड़ा निवासी सतीश उर्फ पहलवान, जिला गुरुग्राम के गांव लाखूवास निवासी उमेश उर्फ लाखू, रेवाड़ी के गांव रुध निवासी सज्जन उर्फ हांडा, अलवर के गांव झाडखा निवासी हेमंत उर्फ काला व रेवाडी के गांव इब्राहिमपुर निवासी कृष्ण कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपियों से वारदात में प्रयुक्त दो देशी कट़्टा व दो जिन्दा कारतूस बरामद किए है।’ गांव टांकड़ी निवासी ओमप्रकाश ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसके बेटे प्रमोद ने कबाड़ का गोदाम कर रखा है। 26 जनवरी को वह और उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ के गांव खुराना निवासी कर्मचारी विकास गोदाम पर थे। इसी दौरान किसी ने बाहर से प्रमोद को आवाज लगाई और गेट खोलने के लिए कहा। मैंने गेट खोला तो 3 लडके अन्दर आए बाहर उनकी मोटरसाईकिल खडी थी। अन्दर आते ही प्रमोद की खडी गाडी मे गोली मारी। उन्होंने रोका तो गोली मारने की धमकी दी और फिर दोबारा गोली गाड़ी पर मारी। फिर एक गोली मेरी तरफ मारी लेकिन मैं बच लिया जो जमीन पर लगी। तीनों लड़के जान से मारने की धमकी देकर वहां से चले गए। मेरे लडके प्रमोद ने कंपनी में कबाडे का कांटेक्ट लिया है। जो सतीश पहलवान पातूहेड़ा व प्रदीप पहलवान पातूहेड़ा व सज्जन उर्फ हांडा गांव रुध ने मेरे लड़के को पहले भी धमकी दी थी कि बावल एरिया में कबाड़ का काम नहीं करेगा और मेरे लड़के को मंथली देने को कहा था। तीनों लड़के सतीश पहलवान ने भेजे थे। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर गाड़ी में धंसे कारतूस के दो सिक्के भी बरामद किए थे। बावल थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ओमप्रकाश की शिकायत पर हत्या के प्रयास, धमकी देने व शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और अदालत से एक दिन रिमांड पर लिया है। पुलिस ने रिमांड के दौरान आरोपियों से देसी कट्टा व दो कारतूस भी बरामद किए है। Post navigation देश का सदभाव बिगाडऩे नही देकर ही हम बापूजी को सच्ची श्रद्घाजंली दे सकते है : विद्रोही अगर पार्षदों कि नगरपरिषद नहीं सुनता तो पार्षदों को नैतिकता के आधार पर अपने पद से देना चाहिए इस्तीफा