बीते 23 दिसंबर को समाचार पत्रों में स्पीड ब्रेकर का उठाया गया था मुद्दा. मुख्य सड़क मार्ग पर अभी भी और स्पीड ब्रेकर की लगाने की है जरूरत. स्पीड ब्रेकर के साथ ही रात और धुंध में रेड इंडिकेटर की कमी महसूस फतह सिंह उजालापटौदी । पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कंापलेक्स और न्यायिक अधिकारियों का आवासीय परिसर का बीते 4 दिसंबर को उद्घाटन किया गया था । इसके बाद में सर्दी के मौसम और इस दौरान घने कोहरे और धुंध को देखते हुए बिलासपुर, पटौदी, हेली मंडी , कुलाना एवं फरुखनगर तक मुख्य सड़क मार्ग पर कोर्ट के बाहर स्पीड ब्रेकर की कमी अथवा अभाव महसूस किया गया । इसका मुख्य कारण बिलासपुर से कुलाना के बीच में व्यस्त सड़क मार्ग और तेज गति से आवागमन करने वाले छोटे बड़े तथा हैवी व्हीकल का दौड़ते हुए आना-जाना था। पटौदी और हेली मंडी की तरफ से आते हुए तथा कोर्ट परिसर से निकलकर दोनों दिशाओं में रवानगी के समय वाहन चालकों सहित पैदल आवागमन करने वालों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था । ऐसे में सबसे अधिक खतरा और जोखिम सड़क पार करते समय अथवा वाहनों को कोर्ट परिसर में लाने और यहां से बाहर ले जाने के दौरान सड़क तक पहुंचने में हादसा होने का ही बना हुआ महसूस किया गया। पटौदी के नए जुडिशल कोर्ट कांपलेक्स के बाहर सड़क पर लगे स्पीड ब्रेकर की कमी अथवा अभाव का बीते 23 दिसंबर को विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम में उठाते हुए संबंधित विभाग सहित शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया। ऐसे में हादसे की आशंका की कमी का एक ही विकल्प और उपाय कोर्ट परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर बनाना अथवा लगाया जाना ही था । जहां पटौदी की तरफ से आते हुए कोर्ट परिसर के बाहर मुख्य सड़क मार्ग पर एक ही स्पीड ब्रेकर लगाया गया है । वाहन चालकों सहित कोर्ट परिसर में आने वाले लोगों और एडवोकेट्स के मुताबिक कम से एक स्पीड ब्रेकर और लगाया जाना जरूरी है । इसके अलावा सर्दी के मौसम में कोहरे और घनी धुंध को ध्यान में रखते हुए स्पीड ब्रेकर के साथ ही रेड लाइट इंडिकेटर की भी कमी महसूस की जा रही है । यह तो रही कोर्ट परिसर के बाहर स्पीड ब्रेकर लगाने और इसकी और जरूरत की बात । इसके अलावा इसी सड़क मार्ग पर ही पटौदी का 50 बेड वाला सामान्य नागरिक अस्पताल मौजूद है। इस अस्पताल के थोड़ा सा आगे ही लघु सचिवालय भी मौजूद है । इन दोनों सरकारी संस्थानों में भी वाहन चालकों के आवागमन और पैदल आने-जाने वालों के लिए सड़क क्रास किए बिना लघु सचिवालय और अस्पताल में पहुंचना संभव नहीं है । ऐसे में इन दोनों सरकारी संस्थानों के बाहर भी मुख्य सड़क मार्ग पर स्पीड ब्रेकर की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही है । सबसे महत्वपूर्ण बात एक और है कि पटौदी के सामान्य नागरिक अस्पताल के बगल में ही बस अड्डा भी है । ऐसे में वाहनों का मुख्य सड़क मार्ग पर सीधा तेज गति से आना और जाना तथा बस अड्डा परिसर, अस्पताल परिसर और लघु सचिवालय परिसर में आवागमन करना , यातायात के दबाव को देखते हुए हादसे का अंदेशा बना ही रहता है । इस डर और भय को दूर करने के लिए तथा वाहनों की स्पीड पर काबू पाने के लिए स्पीड ब्रेकर लगाया जाना जनहित में जरूरत महसूस किया जा रहा है । अब देखना यह है कि संबंधित विभाग कब तक उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण संस्थानों के बाहर सड़क मार्ग पर स्पीड ब्रेकर लगाने का काम पूरा कर सकेगा। Post navigation एक भारत-श्रेष्ठ भारत संदेश लिये बाइक रैली पहुंची पटौदी आजादी के 75 वर्ष….. अमृत महोत्सव, लेकिन 30 वर्ष से नहीं बनी सड़क