नेताजी सुभाष की याद में पराक्रम दिवस और तिरंगे का यह सम्मान !

ऊपर भाजपा नेताओं के आदमकद रंगीन चित्र और जमीन पर तिरंगा.
पटौदी के एमएलए जरावता के कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन.
यहां भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सचिव विशेष रूप से पहुंचे

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
जिस तिरंगे के लिए आज सीमा पर खड़ा सैनिक हम सुरक्षित रहें , हंसते-हंसते अपने सीने पर गोली खाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करता । यह तिरंगा आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी आजादी के पुरोधा और उनकी आजाद हिंद फौज के जांबाज सैनिकों के द्वारा भारत की आजादी का बिगुल बजाने के बाद किए गए लंबे संघर्ष के उपरांत ही हमें गर्व से लहराने का मौका मिला हुआ है ।

लेकिन संडे को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती जो कि पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। इस मौके पर पटौदी के एमएलए और भाजपा के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के पटौदी कार्यालय में जो कुछ देखने को मिला, वह वास्तव में बहुत ही गंभीर चिंतन और मंथन का मुद्दा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पराक्रम दिवस के मौके पर देश की शान तिरंगे झंडे जमीन पर ही रखें देखे गए। यह भी तब जब इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सचिव शादाब अली नकवी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे ।

इस मौके पर विशेष रूप से भाजपा पटौदी मंडल अध्यक्ष कृष्ण लाल यादव माजरा , पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल, पार्षद एवं पूर्व वाइस चेयरमैन राधेश्याम मक्कड़, बाल किशन, एडवोकेट सुरेंद्र धवन सहित अनेक भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे । विभिन्न वक्ताओं ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए उनके पराक्रम को सभी के सामने रखकर श्रद्धा के साथ में नमन किया । इससे पहले यहां कार्यक्रम में पहुंचे विभिन्न प्रबुद्ध लोगों के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा से नमन किया गया । इस मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज के जांबाज सैनिकों के द्वारा भारत की आजादी में दिए गए योगदान के विषय में विभिन्न वक्ताओं ने विस्तार से चर्चा करते हुए प्रेरणा लेने की बात कही ।

लेकिन सबसे अधिक हैरानी की बात यह रही कि कार्यक्रम के दौरान ही नेताजी के मेज पर रखे चित्र और ऊपर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के रंगीन चित्र वाले फ्लेक्स के नीचे ही तिरंगे झंडे जमीन पर कथित लापरवाही के साथ में रखकर छोड़ दिए गए । गौरतलब है कि 2 दिन बाद ही राष्ट्रीय गर्व का पर्व गणतंत्र दिवस  26 जनवरी को मनाया जाना है । ऐसे में पराक्रम दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए तिरंगे का अपमान क्यों और किन कारणों से किया गया अथवा हुआ ? इस विषय में भी भाजपा पार्टी , नेताओं को चिंतन और मंथन अवश्य ही संज्ञान भी चाहिए।

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