पंचकुला — जहां एक ओर जैसे कि हमारा इतिहास बतलाता है कि गुलामी की जंजीरों में कैद देश को आजाद करवाने के लिये देश के हर नागरिक ने अपने धर्म , जातपात को दर किनार कर देश को आजाद करवाने के लिये अपनी शहादत दी है यह पूरा देश जानता है । ऐसे में धन्य है हमारी सत्ताधारी सरकार जो कोविड 19 वायरस को दर किनार कर सुभाष चन्द्र बोस की 125 वी जयंती मनाने में लगी है मगर सुभाष चंन्द्र बोस द्वारा बनाई आजाद हिंद फौज के सैनिकों की शहादत को कितना याद रखती है यह हर भारतीय जानता है । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हर राजनैतीक दल बार बार देश के सामने आजाद भारत का नारा लगा कर आवाम के सामने नारा लगाता है ?क्या सच मे देश की आवाम आजाद है शायद नही आज भी हम इन राजनेताओ की राजतंत्र प्रणाली में हम गुलामी की जंजीरों में कैद है । क्या इतिहास के मुताबिक हर धर्म के शहीदों ने ऐसे भारत की की कामना रखते हुए अपनी शहादत थी ?

यतीश शर्मा ने कहा आज भी सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिंद फौज के शहीद हुए नोजवानो के परिवार सरकार की लिस्ट से गायब हैं क्या कभी इन राजनैतीक दलों ने आजाद हिंद फौज के शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को ढूंढने की कोशिश की वो किस हाल में हैं ? यह है हमारे देश का लोकतंत्र जो सिर्फ राजतंत्र व सत्ता की कुर्सी के लिये किसी भी चाणक्य नीति से लोकतंत्र को ख़त्म कर रहा है ।

उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों से देश आवाम कोविड 19 के वायरस से त्राहि त्राहि कर रही है । और सत्ताधारी सरकार हर सम्भव यह कोशिश कर रही है कि किस प्रकार से देश की आवाम को इस वायरस से बचाया जा सके । मौजूदा सरकार कभी मिनी लोकड़ाऊन लगा देश की आवाम को उसका पालन करने के आदेश जारी कर इस वायरस से बचाने में लगी है । मगर उनकी कोशिशों को चुनोती देता कोविड 19 कभी पहली , दूसरी व कभी तीसरी लहर बन देश की आवाम को अपने वायरस के जाल में कैद करने में लगा है ।

यतीश शर्मा ने कहा कि देश की आवाम इस बात को लेकर हैरत में है कि मिनी लोकड़ाऊन के सरकारी आदेश व्यपारियों के रोजगार बन्द करवाने से कोरोना मुक्त करने के आदेश तो जारी करता है मगर राजनैतीक दलों द्वारा की जाने वाली सभाओं में एकत्रित हजारों लाखों की भीड़ में कोविड 19 को क्यों भूल जाता है ?

क्या उस एकत्रित भीड़ से कोरोना वायरस नही फैलता ? क्या कोरोना वायरस व्यपारियो के व्यवसाय में छुपा हुआ है जो उनके व्यवसाय से निकल कर आता है ? सत्तधारी सरकार यह क्यों यह बात भूल जाती है कि व्यवसाय करने वालों के व्यवसाय से व्यपारी को कितना नुकसान झेलना पड़ता है । बेरोजगारी फेल रही है , व्यपारी कर्ज में डूबे जा रहे हैं पर सत्ताधारी सरकार उनके लिये कुछ भी करने में असमर्थ नजर आ रही है । महंगाई चरम सीमा पर है ।

यतीश शर्मा ने कहा कि शहीदों को उनका सम्मान देना गर्व की बात है मगर शहीदों के सम्मान में आजाद भारत की जनता को गुलामी की जंजीरों में जकड़ लोकतंत्र को गुलाम मत बनाये । शहीदों के सम्मान में अगर कोई भी कार्यक्रम सत्ताधारी सरकार रखती है तो कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए रखे । क्योंकि देश के व्यपारियों में अब ओर नुकसान झेलने की ताकत नही रही ।

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