वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरूक्षेत्र, 21 जनवरी : श्री महाभारतीय संस्कृति अनुसंधान न्यास कुरूक्षेत्र द्वारा शुक्रवार को कृष्णा धाम में हवनात्मक महारुद्र यज्ञ पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। जानकारी देते हुए षड्दर्शन साधु समाज के संगठन सचिव वैद्य पंडित प्रमोद कौशिक ने बताया कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने महारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति देकर ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी गणेशानंद गिरी महाराज को श्रद्धांजलि दी।

इस अनुष्ठान की अध्यक्षता कर रहे कृष्णा धाम के अध्यक्ष स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बताया कि किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर अक्‍सर लोग डॉक्‍टर के पास जाते हैं और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं आदि लेते हैं।आज पूरी दुनिया जिस तरह से कोरोनावायरस के संक्रमण से कराह रही है।ऐसे में हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान शिव,माता शक्ति और मां गायत्री के मंत्रों के जाप से संक्रमण के प्रभाव को कम किया जा सकता है, ऐसा वेदों में वर्णित है। ये मंत्र सकल जन के लिए कल्याणकारी और साथ ही मानवजन के हित में हैं। हमारे वेदों में देवताओं को इन खास मंत्रों के द्वारा प्रसन्न कर उनकी अराधना कर संपूर्ण समाज को आपदाओं से बचाने के तरीके बताए गए हैं।आपने देखा होगा कि कई बार इलाज के बावजूद रोग दूर नहीं होते। बीमारी की मूल वजह दूर किए बिना केवल बाहरी इलाज कराने से ही ऐसे प्रयास बेकार जाते हैं। ऐसे में कुछ मंत्र बेहद कारगर सिद्ध हो सकते हैं। इसके साथ ही दुनिया में फैली महामारी भी जब भयंकर रूप ले लेती है तो फिर लोगों को परमात्मा की शरण में भी आना पड़ता है। ऐसे में विज्ञान, चिकित्सा, आयुर्वेद के साथ मंत्रों के सामंजस्य से हम इन संक्रामक बिमारियों से समाज की रक्षा कर सकते हैं। ऐसा हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित है।

आयुर्वेद और वैदिक शास्त्र की मान्‍यता है कि जप, हवन, देवताओं का पूजन, ये भी रोगों की दवाएं हैं। ऐसे में रोगों के नाश के लिए पूजा और देवताओं के मंत्र की उपयोगिता स्‍पष्‍ट है।कार्यक्रम में यज्ञाचार्य रामकैलाश शुक्ला, आचार्य दीपक उपाध्याय, रवि त्रिपाठी, माणिक लाल पांडे ने अनुष्ठान के मुख्य यजमान करनाल के समाज सेवी नरसिंह गोयल, सुभाष चंद जांगड़ा और ओमी लाल सहित अन्य यजमानों से हवन में आहुतियां डलवाई।

इस मौके पर भंडारे का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में अखंड गीता पीठ के महामंडलेश्वर डा.शाश्वतानंद गिरी महाराज, भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंसी पुरी, महंत ईश्वर दास कैथल, महंत सर्वेश्वरी गिरि गोविंदा आश्रम पिहोवा, महंत तरण दास पिहोवा, महंत सत्यनारायण पुरी, महंत विशाल मणिदास, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, रोशन पुरी, कृष्णा पुरी, दिपाक्षी अधिवक्ता जम्मू, सुधांशु , निगम प्रिय, राधे राधे,पण्डित श्री राम आचार्य, शिव नारायण, राजकुमार पांडे, नीरज मिश्रा, नील मिश्रा, नितेश शुक्ला, जितेंद्र कोठारी, राजकुमार दीक्षित, आशीष गर्ग, गौरव त्रिपाठी और आकाश शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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