हांसी ,19  जनवरी । मनमोहन शर्मा

1857 की क्रांति के महान क्रांतिकारी व आजादी के दिवाने शहीद लाला हुकम चंद जैन व मिर्जा मुनीर बेग के 164वेें शहादत दिवस पर कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनकी याद में तिरंगी यात्रा निकाली। कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय डडल पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी व बोलते हुए कहा कि शहीद लाला हुकम चंद जैन व मुनीर बेग हांसी के ही रहने वाले थे। अंग्रेेजों की दास्ता से मुक्ति पाने के लिए इन्होंने लंबा संघर्ष किया। ब्रिटिश सरकार ने ही लाला हुकमचंद जैन को कानूनगो बनाया था, वहीं मिर्जा मुनीर बेग को भी महत्वपूर्ण पद दिया था। लेकिन अंग्रेजों के जुल्म को दोनों नेताओं ने ही स्वीकार नहीं किया और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हांसी क्षेत्र में क्रांतिकारियों का नेतृत्व कर अंग्रेजों को हिला कर रख दिया। 

इन दोनों पर हिसार की अदालत में राजद्रोह का मुकदमा चलाया गया। मुकदमे में लाला हुकम चंद जैन व मिर्जा मुनीर बेग को फांसी की सजा सुनाई गई। सजा का स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया। आखिर 19 जनवरी 1858 को लाला हुकम चंद जैन व मिर्जा मुनीर बेग के साथ उनके भतीजे फकीर चंद जैन को लाला जी की हवेली के सामने सरेआम फांसी पर लटका दिया। दोनों क्रांतिकारियों ने अब सदा के लिए अपनी आंखे बंद कर ली थी। अंग्रेजों की जुल्म की इंतहा यही समाप्त नहीं हुई, बल्कि फांसी के बाद इनके शवों को धर्म के विपरीत आचरण करते हुए लाला जी के शव को दफनाया गया व मिर्जा मुनीर बेग के शव को जलाया गया।  कांग्रेस के नेताओं ने आज इन्हें स्मरण किया व कहा कि हमे शहीद लाला हुकम चंद जैन व मिर्जा मुनीर बेग के जीवन व उनके द्वारा किए गए संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए। सरकारी पद पर होने के बावजूद भी इन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इनकी कुर्बानी व आजादी की लौ के चलते ही आगे चल कर देश आजाद हो पाया। आज की युवा शक्ति को भी अन्याय के खिलाफ लामबंद होना चाहिए। 

इस मौके पर पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी, पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, हरपाल बूरा, आनंद जाखड़, सुमन शर्मा, राजेन्द्र ठाकुर, प्रेम मलिक, राजेश कासनिया, नरेन्द्र सैनी, निशु शर्मा, रणदीप लोहचब, अरविंद बांडाहेड़ी, नवीन वत्स, मुकेश कासनिया सहित अनेक कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

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