इतिहास व विभिन्न अंग्रेजी अदालतों के दस्तावेज गवाह है कि संघी स्वतत्रंता सेनानियो को सजा दिलवाने के लिए उनके खिलाफ गवाहिया देकर उन्हे जेल भिजवाते थे : विद्रोही
इतिहास, दस्तावेज व मीडिया की पुरानी कतरने गवाह है कि जब लोह पुरूष सरदार वल्लवभाई पटेल व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जीवित थे, तब तक संघी खुलेआम उनका विरोध करते रहे : विद्रोही

13 जनवरी 2022 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि जिन संघीयों ने आजादी आंदोलन के साथ गद्दारी करके अंग्रेजी हुकूमत के मुखबिरों, दलालों की भूमिका निभाकर आजादी की लड़ाई लडने वाले स्वतत्रंता सेनानियों के खिलाफ काम किया, उनके हरियाणा के संघी मानस पुत्र कांग्रेस पर स्वतत्रंता सेनानियो से धोखा करने का बेतुका आरोप लगाकर पूरे देश के साथ क्रूर मजाक कर रहे है। विद्रोही ने कहा कि इतिहास व विभिन्न अंग्रेजी अदालतों के दस्तावेज गवाह है कि संघी स्वतत्रंता सेनानियो को सजा दिलवाने के लिए उनके खिलाफ गवाहिया देकर उन्हे जेल भिजवाते थे। वहीं संघी अंग्रेजी हुकूमत से मिलकर स्वतत्रंता सेनानियों की जासूसीे करके उनकी आजादी दिलाने की योजनाओं पर पलिता लगवाते थे व क्रांतिकारियों की जासूसी करके उन्हे अंग्रेजों की गोलियों से मरवाने का षडयंत्र रचते थे। संघी अंग्रेजी हुकूमत के मुखबिर व दलाल थे, यह केवल इतिहास के पन्नों व सरकारी दस्तावेज में ही दर्ज नही है अपितु इनके जीवंत गवाह आज भी जीवित है जिन्होंने संघीयों का देश विरोधी, आजादी आंदोलन विरोधी चेहरा अपनी आंखों से देखा था।

विद्रोही ने कहा कि इससे अधिक बेशर्मी व आश्चर्य की बात और क्या होगी कि आजादी के 75 साल बाद अंग्रेजी हुकूमत के दलाल व मुखबिर रहे संघीयों के मानसपुत्र आज स्वतत्रंता सेनानियों के सम्मान के नाम पर झूठ पेलकर ना केवल औच्छी राजनीति करने का पाप कर रहे है अपितु इतिहास से भी छेड़छाड़ करने का पाप कर रहे है। संघीयों ने कभी आजादी आंदोलन में भाग नही लिया, वे आज सत्ता दुरूपयोग से 75 साल बाद आजादी आंदोलन व स्वतंत्रता सेनानियों के संदर्भ में झूठ पर झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। इतिहास, दस्तावेज व मीडिया की पुरानी कतरने गवाह है कि जब लोह पुरूष सरदार वल्लवभाई पटेल व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जीवित थे, तब तक संघी खुलेआम उनका विरोध करते रहे।

विद्रोही ने कहा कि जब आज सरदार पटेल व नेताजी इस दुनिया में नही है तो संघी उनके अनुयायी होने का ढोंग करके देश को ठगने व आजादी आंदोलन में किये गए अपने पापों को छुपाने का कुप्रयास कर रहे है। जनता को ऐसे संघी कुप्रयासों से सावधान रहकर इन षडयंत्रकारी, अफवाहबाज, फासिस्टों से सावधान रहने की जरूरत है ताकि साम्प्रदायिक व फासिस्ट ताकते इतिहास को तोड-मरोडकर युवाओं के कोमल हदय को सत्ता दुरूपयोग से कुलसित न कर सके।

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