किसान के विकास के बिना देश का विकास संभव नहीं.
ट्रैक्टर कोई वाहन नहीं, ट्रैक्टर किसान का है कृषि यंत्र.
किसानों को लागत के आधार पर मिले लाभकारी मूल्य.
भारतीय किसान संघ ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

फतह सिंह उजाला

पटौदी । किसान और कृषि यह दोनों ही भारतीय अर्थव्यवस्था की पहली सीडी और मजबूत स्तंभ है। किसान के विकास और आर्थिक हालात सुधरने के अथवा सुधारे बिना देश का भी विकास संभव नहीं है। जितना अधिक समृद्ध और खुशहाल किसान होगा, उतना ही समृद्धी और खुशहाली भी देश में फैलती चली जाएगी । यह बात भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान ने कहीं । इससे पहले भारत के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद के नाम किसान और कृषि हित में मांगों को पूरा किया जाने संबंधित ज्ञापन पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को भारतीय किसान संघ के तत्वाधान में सौंपा गया। इस मौके पर भारतीय किसान संघ के पदाधिकारी, सदस्य सहित आसपास के गांवों के अनेक किसान भी मौजूद रहे ।

किकानों के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में नारे भी लगाए गए। नारों में कहा गया कि जब किसान खुशहाल होगा तो देश भी खुशहाल होगा, हम भीख नहीं अपना हक मांगते , जैसे नारे पटौदी सबडिवीजन ऑफिस परिसर में ही एसडीएम प्रदीप कुमार को ज्ञापन सौंपने से पहले लगाए गए। ज्ञापन लेने के उपरांत एसडीएम प्रदीप कुमार ने आश्वासन दिलाया कि बिना देरी किए किसानों की मांगों का यह ज्ञापन राष्ट्रपति सचिवालय भिजवा दिया जाएगा ।

इस मौके पर भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चौहान ने प्रमुख मांगे गिनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों को उनकी उपज की लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना सुनिश्चित करें । भारत का किसान दुनिया में सबसे अधिक मेहनती किसान है , सरकार के द्वारा जब किसानों का आह्वान किया गया कि तिलहन की फसल का उत्पादन किया जाए। इसके बाद किसानों ने सरसों की इतनी अधिक पैदावार कर दी कि समर्थन मूल्य के मुकाबले खुले बाजार में सरसों की गुणवत्ता को देखते हुए किसानों को अधिक दाम अपनी फसल के उपलब्ध भी हुए। उन्होंने कहा सरकार यदि पाल्म आयल का आयात करती है तो निश्चित ही सरसों के दाम किसानों को कम मिलेंगे और यदि ऐसा होता है तो सबसे अधिक नुकसान भी किसानों को ही होगा । ऐसे में केंद्र सरकार को पाल्म आयल आयात करने का विचार ही समाप्त कर देना चाहिए । भारतीय किसान संघ की तरफ से महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हाल ही में हुई बरसात के कारण गेहूं और सरसों की फसल में भारी नुकसान हुआ है । इसके साथ ही सब्जी उत्पादक किसानों की खेतों में ही उपजाई गई सब्जी नष्ट हो गई। ऐसे में राज्य सरकार बिना देरी किए विशेष गिरदावरी करवाकर फसली नुकसान का जल्द से जल्द भुगतान भी सुनिश्चित करें ।

किसान नेता ओम सिंह चौहान ने वाहनों पर प्रतिबंध के सवाल पर स्पष्ट रूप से कहा कि ट्रैक्टर कोई वाहन नहीं है , वास्तव में ट्रैक्टर किसान के लिए एक कृषि यंत्र है। ट्रैक्टर का इस्तेमाल कृषि के कार्य नहीं किया जाता आ रहा है । इसी मौके पर बढ़ती महंगाई और सब्जियों के बढ़ते दाम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसान नेता ओम सिंह चौहान ने कहा लोहे, सीमेंट, कपड़ा, बीड़ी, गुटका, सिगरेट, दवा, शराब जैसी चीजों के दाम बढ़ते हैं तो किसी भी प्रकार का प्रदर्शन और हाय-तौबा नहीं की जाती है। यदि किसान की फसल में आलू , टमाटर जैसी उपज के दो से 5 भी बढ़ जाए तो इसका विरोध सहित प्रदर्शन भी उन्हीं लोगों के द्वारा किया जाता है वास्तव में जो किसान विरोधी लॉबी के समर्थक है और किसान विरोधी लॉबी के लिए ही काम करते आ रहे हैं ।

उन्होंने कहा 75 प्रतिशत भारत देहात में बसता है और 80 प्रतिशत लोग सीधे-सीधे खेती के काम धंधे से ही जुड़े हुए हैं । सबसे अधिक रोजगार जो देश में उपलब्ध हैं उनकी पृष्ठभूमि में केवल और केवल कृषि ही है । किसान के खेत में अन्न पैदा होने के बाद जब बाजार में आता है तो इसके साथ ही पूरे देश की अर्थव्यवस्था भी गतिमान होती है । बिना अन्न के किसी का भी पेट नहीं भर सकता और बिना पेट भरे कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कर सकता। उन्होंने कहा किसान और देश दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची हैं । देश का और अधिक विकास चाहते है, तो किसान का भी समग्र विकास करना ही होगा।

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