-कमलेश भारतीय हिसार में दूरदर्शन को चलते लगभग बीस साल हो गये । इसका उद्घाटन तत्कालीन सूचना व प्रसारण मंत्री और हरियाणा की बेटी सुषमा स्वराज ने हरियाणा दिवस पर सन् 2002 में किया था और यह घोषणा की थी कि इस केंद्र से पहले दिन से ही समाचार प्रसारित किये जायेंगे । और यह वादा पहले दिन से आज तक पूरी तरह निभाया जा रहा है । हिसार दूरदर्शन को बहुत निकट से पहले दिन से ही जानने व कार्य प्रणाली समझने का अवसर मिलता रहा और निदेशकों से भी बातचीत होती रही और कार्यक्रम अधिकारियों से भी । यहां कृषि कार्यक्रम सबसे लोकप्रिय है क्योंकि हरियाणा कृषि प्रधान राज्यों में से एक है । दूसरे परिचर्चा , कविता पाठ और हरियाणवी संस्कृति का भी यही मंच है प्रदेश के लेखकों व कलाकारों के लिए । इसके बावजूद अब इस पर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्रालय की कुटिल दृष्टि पड़ने वाली है और यह केंद्र मात्र चंडीगढ़ से कार्यक्रमों का प्रसारण केंद्र मात्र रह जाने वाला है आने वाले दिनों में । समाचारों का प्रसारण तो होगा लेकिन शायद यहां कोई समाचार संपादक न रहे बल्कि चंडीगढ़ ही मुख्य केंद्र बनाया जाने वाला है । चर्चा है कि न केवल हिसार बल्कि शिमला केंद्र सिर्फ प्रसारण केंद्र ही रह जायेंगे और इनको एक प्रकार से चंडीगढ़ से जोड़कर एक ही केंद्र बनाये जाने की योजना है । हिसार केंद्र के निदेशक का तबादला कर दिया गया है और एकमात्र फोटोग्राफर का भी जिससे लगता है कि जो चर्चा सुनने में आ रही है वह कुछ न कुछ सच्चाई रखती है । हिसार दूरदर्शन केंद्र पर अब समाचार बुलेटिन का प्रसारण होगा भी या नहीं ? यह भी अभी रहस्य ही है । दूसरे यहां कोई प्रोग्राम पहले की तरह बनाये जायेंगे या नहीं ? यह भी एक बड़ा सवाल है । इन बीस वर्षों में दूरदर्शन के प्रसारण का समय एक घंटे से बढ़कर चार घंटे तक किया गया जबकि चंडीगढ़ का प्रसारण समय हिसार दूरदर्शन केंद्र से कम है । इसके बावजूद विलय चंडीगढ़ दूरदर्शन केंद्र में किये जाने की अटकलें हैं । क्या अनुराग ठाकुर अपने ही राज्य के शिमला दूरदर्शन केंद्र को विलय होते मूकदर्शक बने रहेंगे ? बीस वर्षों में हरियाणा के लेखकों व कलाकारों का डेरा यहां लगता रहा । संतोष मिश्रा ने तो दूरदर्शन के प्रांगण में नये साल का लाइव प्रोग्राम भी आयोजित किया था । एस एस रहमान हों या राजकुमार नाहर हिंदी दिवस भी भव्य ढंग से आयोजित करते रहे । इसके बावजूद इसके प्रोड्यूसर्स या कार्यक्रम अधिकारी यहां से ट्रांस्फर किये गये तो फिर नये नहीं भेजे गये और कमरे खाली पड़े रहे । कभी जगजीवन राम , कुलदीप खंगारोत तो कभी कीमती लाल जैसे प्रोड्यूसर्ज नये नये कार्यक्रम बड़े उत्साहपूर्वक बनाते और दिखाते । अब तो सारा दूरदर्शन ही सूना और उदास सा लग रहा है । कर्मचारियों के चेहरों पर भी यह उदासी पढ़ी जा सकती है कि अब कहां दूर कहीं भेजे जायेंगे एक अच्छे भले केंद्र को बंद करके । इसे हरियाणा दूरदर्शन’ भी कहा जाने लगा था । अब हरियाणा दूरदर्शन लगभग बंद होने की कगार पर आ गया है । क्या हम हरियाणावासी अपने इस केंद्र को बचाने आगे आयेंगे या इसे चुपचाप यहां से चंडीगढ़ में विलय होते देखते रहेंगे ? यह बहुत बड़ा प्रश्न है और हरियाणा की कला , संस्कृति व साहित्य का केन्द्र यहां से जाने वाला है । आइए समय रहते इसके लिए संघर्ष करें और अपने केंद्र को बचायें । सबसे दुखद बात यह कि जिस भाजपा के केंद्र में रहते यह हिसार दूरदर्शन केंद्र बुलंदियों पर था और इसका भव्य उद्घाटन हुआ था आज उसी भाजपा के केंद्र में रहते इसे बड़ी खामोशी से बंद किये जाने की कोशिश हो रही है । यह केंद्र और इसकी कॉलोनी क्या पुरानी कहानिया और निशानियां मात्र रह जायेंगी ? पहले ही काॅलोनी के अनेक मकान खाली पड़े हैं और यदि केंद्र न रहा तो ये खंडहरों में तब्दील हो जायेंगे । यह निश्चिंत है । इसे बचाने के लिए हर क्षेत्र के लोग आगे आएं ।-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी Post navigation कोरोना काल में वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण देगा एचएयू : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज निश्चित प्रक्रिया के तहत करें तैयारी, सफलता अवश्य मिलेगी : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज