-कमलेश भारतीय

लीजिए फिर वही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री टेनी , फिर वही लखीमपुर खीरी कांड और फिर उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव आपके लिए हाजिर हैं । बार बार बताने की जरूरत नहीं कि लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था ? पर इतना थोड़े शब्दों में बता देते हैं कि इन टेनी महोदय का लाडला बेटा है आशीष मिश्रा उर्फ मीनू जिस पर लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगा है और इसमें चार किसान दम तोड़ गये और किसानों की ओर से की गयी कार्यवाही में चार अन्य लोग मारे गये । इस तरह आठ लोग हिसा के शिकार हुए । फिर वह हिंसा चाहे मीनू की यानी मंत्री पुत्र की ओर से की गयी या किसानों की ओर से की गयी लेकिन एक बदनुमा धब्बा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की लोकप्रिय सरकार पर लगा गयी ।

विपक्ष को घर बैठे बिठाये मुद्दा मिल गया जिसको ब्रह्मास्त्र की तरह चुनाव में उपयोग किये जाने का खतरा महसूस किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने । हालांकि किसान आंदोलन को वे लगातार उपेक्षित करते आ रहे थे और इसी उपेक्षित किसानों ने अपने आंदोलन में यह मांग भी जोड़ दी कि इस मीनू के पिताश्री यानी केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अमित मिश्रा उर्फ टेनी की मंत्रिमंडल से बाहर किया जाये । अब पहले से सांसत में पड़े भाजपा नेतृत्त्व के हाथ पांव फूल गये और फटाफट क्रिकेट की तरह अचानक मोदी जी टी वी पर अवतरित हुए और कृषि कानून वापिस लेने की घोषणा कर दी । उन्हें लगा कि इस खुशी में किसान और जनता टेनी का मुद्दा भूल जायेगी । पर ऐसा हुआ नहीं । दूसरा बहुत धीमी गति से चल रही इसकी जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने खरी खोटी सुनाई तब जाकर इसकी जांच ने रफ्तार पकड़ी और अब इसके लिए गठित सिट ने जो जांच आक्ष्य प्रस्तुत किये हैं उनमें टेनी के बेटे मीनू के मौके पर होने के सबूत मिलने की बात कही गयी है । यही नहीं घटनास्थल पर मीनू के मामाश्री वीरेंद्र शुक्ला का नाम भी आरोपपत्र में शामिल है । उनके समेत कुल दो सौ आठ गवाह हैं । इन सबूतों के सामने आते ही विपक्ष फिर हमलावर हो गया है और टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग उठा कर तेज कर दी है क्योंकि टेनी ने कहा था कि आरोपपत्र में बेटे के खिलाफ सबूत मिले तो इस्तीफा दे दूंगा । अब वह पावन बेला आ गयी है टेनी जी । आप अपना वादा पूरा कर सकते हैं । नहीं तो यह मुद्दा उत्तर प्रदेश की हर जनसभा में इतनी प्रमुखता से उठाया जायेगा कि योगी जी, आपके विकास के सारे विज्ञापन और दावे भी इसे छिपा नहीं सकेंगे और मोदी व शाह जी के फायर ब्रांड भाषण भी इसे कवर करने के लिए नाकाफी रहेंगे । तो मित्रो

बंदापरवर,थाम लो जिगर
खिदमत में आपकी हुजूर
फिर वही टेनी लाया हूं ,,,

अब सोचना और कार्यवाही करना तो समझदार लोगों का काम है और वह भी समय रहते नहीं तो दर्द बढ़ता जायेगा ज्यों ज्यों दवा की वाली बात हो जायेगी । टेनी जी की विदाई का समय है ।
-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।

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