-कमलेश भारतीय

युवा जाॅब के पीछे न भागें बल्कि दूसरों को देने वाले बनें । यही हमारी कोशिश है । यह कहना है हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के कुलपति प्रो बी आर काम्बोज का । उल्लेखनीय है कि हकृवि को कृषि विश्वविद्यालयों में सर्वप्रथम रैंक मिलने के उपलक्ष्य में उनके कार्यालय में बातचीत की गयी । प्रो कम्बोज ने बताया कि अटल रैंकिंग में लगातार हकृवि को पुरस्कार /सम्मान मिल रहा है जो सबके प्रयासों का ही फल है ।
-क्या है आपका आइडिया इस योजना के पीछे ?

-जिस भी युवा के पास नया आइडिया हो उसे न केवल मार्केट बल्कि लैब से जोड़ने की कोशिश और फिर व्यवसाय करने में मदद । यहां तक कि बैंक से ऋण लेने में भी सहयोग करते हैं । ये सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवा रहे हैं । इससे युवा न केवल स्वयं रोजगार कमा सकें बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाले बन सकें । यह सुविधाएं देने वाला और पुरस्कार जीतने वाला उत्तर भारत में पहला कृषि विश्वविद्यालय है ।

-किस व्यवसाय में सहयोग दिया ?
-उदाहरण के तौर पर मधुमक्खी पालन, मशरूम, बेकरी इत्यादि में । जिससे युवा अच्छे पैसे कमा रहे है । युवा मांगने वाले नहीं बल्कि देने वाले बनें ।

-पहले हरित क्रान्ति आई , फिर सफेद और फिर नीली क्रांति । अब कौन सी क्रांति ला रहे हैं ?
-पीली क्रांति यानी सरसों की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं ।

-कोरोना के चलते हकृवि के किसान मेले नहीं लग पाये तो उन तक उन्नत किस्म के बीज कैसे पहुंचाये ?
-ऑनलाइन से जानकारी देकर कृषि विज्ञान केंद्रों पर उपलब्ध करवा कर । आप हैरान होंगे कि साठ लाख के बीज हकृवि ने किसानों तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की । हमारा काम सिर्फ कृषि पढ़ाना ही नहीं बल्कि किसान तक सारी जानकारी पहुंचाना भी है और हम इस कोशिश में लगे रहते हैं ।

हमारी शुभकामनाएं प्रो बी आर कम्बोज को ।

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