लोकडाउन लगाने से पहले दुकानदरों से बात करे सरकार —आरती राजपुत

सरकार जनता को साबित करे कि चुनावी रैलियों से वायरस नही बढेगा । देश की जनता इन राजनेताओं की चाल को समझ चुकी है । इस लीये लोकतंत्र की आवाज को सभी राजनैतिक दल समझ ले ।

पँचकुला — कोविड ओमिकरोन्न वायरस के बढ़ रहे मामलो को लेकर जो भी फैंसला लेना हो उस पर सरकार दुकानदार व उडायोगपतियों से बातचीत करे सरकार यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स की राष्ट्रीय महासचिव आरती राजपूत ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पिछले 2 सालों से कोविड 19 के तहत सत्ताधारी सरकार ने जो भी फेंसले लिये थे उस से उद्योगपतियों व दुकानदारों को भारी नुकसान झेलना पडा था । जिससे दुकानदार व उद्योगपति आज तक उभर नही पाया ओर सत्ताधारी सरकार की कमजोरी व गलतनीतियों के कारण आज भी पीस रहा है । 2 साल बाद भी कोविड 19 वायरस के मामले आज भी उसी प्रकार से सामने आ रहे है । बल्कि आज ओमिकरोन्न नामक एक ओर वायरस दुनिया मे अपना जाल फैला देश की आवाम को निगलने में तैयार है । क्या सत्ताधारी सरकार इन वायरस को खत्म करने में नाकाम है । जो लोकडाउन व छोटे कर्फ्यू लगा बिजनेस कर रहे लोगो को दबा अपने फेंसले सुना अपनी कमजोरी को जग जाहिर कर रही है ।

आरती राजपूत ने कहा पिछले 2 वर्षों से भारत की जनता सरकार के हर फेंसले को नतमस्तक कर मानती आ रही है । मगर जिस प्रकार से दुकानदारों व उद्योगपतियों के उप्पर सत्ताधारी सरकार इन वायरस को लेकर फिर से अपनो नाकामी थोपना चाहती है उसे देश की जनता कभी बर्दाश्त नही करेगी ।

आरती राजपूत ने कहा कि इस बार जो भी फैंसला सत्ताधारी सरकार लेना चाहती है वो जनता देश की जनता को विश्वास में लेकर ले । चुनाव के दौरान हो रही रैलियों पर रोक लगाये । अगर सरकार ने रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक मिन्नी कर्फ्यू से ये वायरस कम होता है तो सरकार जनता को साबित करे कि चुनावी रैलियों से वायरस नही बढेगा । देश की जनता इन राजनेताओं की चाल को समझ चुकी है । इस लीये लोकतंत्र की आवाज को सभी राजनैतिक दल समझ ले ।

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