फिर लोकड़ाऊंन कि सूली चढ़ा व्यपारी वर्ग — यतीश शर्मा

यतीश शर्मा

पंचकूला — पिछले 2 वर्षों से कोविड 19 के वायरस से भारत देश की आवाम पीड़ित हो रही है । सरकारी दिशानिर्देश के बाद भी कोविड 19 के उपचार पर इस वायरस के खतमः होने के सभी दावे झूठे साबित नजर आ रहे हैं । ना जाने देश की आवाम ने कितने अपने करीबियों को खोया है । कोविड टेस्ट ,वेक्सीन लगवाना , मास्क लगाना आदि सभी सरकार के दावों की पालना करने के बाद भी एक बार फिर कोविड 19 के कारण लगे लोकडाऊन में सबसे पहले व्यपारी वर्ग को सूली चढ़ना पड़ा है । यह बात अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार ऑब्जर्वर्स के अंतरराष्ट्रीय निदेशक यतीश शर्मा ने एक प्रेसविज्ञप्ति जारी करते हुए कही ।

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी सरकार ने जिस प्रकार से कोविड 19 ओर ओमिकरोन्न वायरस के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए जो लोकड़ाऊंन लगाया है वो व्यपारी वर्ग के साथ अन्याय है । पिछले लोकड़ाऊन कि मार से अभी व्यपारी वर्ग उभरा भी नही था कि दुबारा से इस लोकड़ाऊंन कि मार उन पर फिर पड़ गई । अगर व्यवसाय इसी प्रकार से बंद रहेगा तो दुकान का किराया , नोकरों की तनखा , परिवार का पालन पोषण वो कैसे करेंगे । यह एक गम्भीर मसला है जिसे सत्ताधारी सरकार समझ कर भी अनजान बन अपने तुगलकी फरमान निकाल देश के व्यपारियो को परेशान करने पर लगी है ।

उन्होंने कहा कि अगर व्यपारी वर्ग के रोजगार से कोविड 19 व ओमिकरोन्न के मामले बढ़ रहे हैं तो देश के जो राजनेतिक दल अपनी रैलियों को कर लाखों की भीड़ एकत्रित कर रही है जिसमे कोविड 19 के सभी सरकारी दिशानिर्देशों की धज्जियां उड़ती नजर आती है उन राजनेतिक रैलियों में आये लोगों के पास ना तो मास्क होता है और ना ही 2 गज की दूरी क्या उस वक्त सत्ताधारी सरकारों को नजर नही आता कि कोविड 19 व ओमिकरोन्न के मामले बढ़ते जा रहे हैं ,

यतीश शर्मा ने कहा कि अगर सत्ताधारी सरकारों को लगता है कि व्यपारी वर्ग के व्यवसाय को बंद करवाने से इन वायरसों से छुटकारा मिल सकता है तो ये सत्ताधारी सरकारे व्यवसायी वर्ग से जुड़े हर व्यपारी वर्ग की दुकानों , शोरूमो का किराया , नोकरों की तनखा अपने सरकारी खजाने से दें । ओर इन राजनेतिक रेलियो को बंद करवाने के तुरंत आदेश जारी करे अन्यथा व्यपारी वर्ग पर ऐसे तुगलकी फ़रमान पर तुरन्त रोक लगा व्यपारी वर्ग की यूनियनों से बातचीत कर उन्हें अपने विश्वास में ले कोई और रास्ता निकाले जिस से सत्तधारी सरकार और आवाम मिलकर इन वायरसों को रोकने में एकजुट हो देश से इसे खतमः करने में कारगर साबित हों ।

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