– बाहर से एक लाख करोड़ रूप्ए का निवेश लाने का भी लक्ष्य
– पिछले 7 वर्षों में हरियाणा को मिल चुके हैं 150 से ज्यादा अवार्ड
– आत्म निर्भरता के पांचों स्तंभों में हरियाणा अव्वल-सीएम
– हर वर्ष पांच लाख व्यक्तियों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य

गुरुग्राम, 31 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने प्रदेश से निर्यात को बढाकर 2 लाख करोड़ रूप्ए तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में हरियाणा से लगभग 85 हजार करोड़ रूप्ए का निर्यात हो रहा है। सरकार प्रदेश में बाहर से निवेश लाने के लिए भी प्रयासरत है और हरियाणा में एक लाख करोड़ रूप्ए का निवेश बाहर से लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हांेने बताया कि गुरूग्राम मंे हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट आयोजित की गई थी जिसके बाद लगभग एक लाख करोड़ रूप्ए का निवेश प्रदेश में हो चुका है। इस प्रकार निवेश आमंत्रित करके और निर्यात को बढाकर हम प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।       

मनोहर लाल गुरूग्राम में वीरवार देर सायं आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आत्म निर्भरता के पांचों स्तम्भों में हरियाणा अव्वल है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत को पांच ट्रिलियन इकोनोमी क्लब में शामिल करने का जो लक्ष्य रखा है, उस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में हमने अपने टारगेट तय कर लिए हैं। आत्म निर्भर हरियाणा और आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए हम प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को बढाएंगे।       

 उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधारे, सिस्टम्स को ठीक करने, डमोग्राफी और निवेश आकर्षित करने सहित पांच स्तंभ आत्म निर्भरता के लिए निर्धारित किए हुए हैं। इनमें हरियाणा अर्थव्यवस्था के मामले में देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी बेहत्तर स्थिति में है। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है जबकि दिल्ली प्रदेश की  आय अच्छी है लेकिन उन्होंने फ्री बांटना शुरू करके अपनी अर्थव्यवस्था को खराब कर लिया है। इसके विपरित हरियाणा में हम अपने नागरिको को जिम्मेदार बना रहे हैं। इसके लिए परिवार पहचान पत्र के तहत हर परिवार की फैमिली आईडी बनाई जा रही है, जिसके आधार पर एक लाख रूप्ए वार्षिक आय वाले परिवारों की पहचान करके उन्हंे सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उनकी आमदनी बढाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि वे गरीबी के कुचक्र से बाहर निकल पाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन चिन्हित डेढ लाख गरीब परिवारों को मुख्यमंत्री परिवार उत्थान मेलों में आमंत्रित किया गया था। इनमें से लगभग 90 हजार परिवार इन मेलों में आए। उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाएं समझाते हुए उनमें से अपने उपयुक्त योजना का चयन करने और उस अनुरूप बैंक से ऋण की सुविधा दिलवाई गई। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को भी चाहिए कि वे अपनी ईकाई में पहले एक लाख रूपए वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों को रोजगार में प्राथमिकता दंे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है और पूरे प्रदेश में समान रूप से विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से सुधार हुआ है। इनमें विशेषकर सड़कों का सुधार उल्लेखनीय है क्योंकि हम मानते हैं कि हमारी सड़कें अच्छी होंगी तो हमारे प्रदेश की इकोनोमी भी अच्छी रहेगी।

उन्होंने सिस्टम में सुधार का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य सरकार ईज ऑफ डुईंग बिजनेस तथा ईज ऑफ लिविंग की दिशा में कई प्रकार के कार्य कर रही है। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। पिछले सात साल में राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा को 150 से ज्यादा अवार्ड विभिन्न उपलब्धियों के लिए मिले हैं। इनमें से 100 से ज्यादा अवार्ड आईटी आधारित सेवाओं के लिए दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि लोगांे को उनके घर द्वार पर ही सरकारी सेवाआंे और स्कीमों का लाभ दिया जाए।

डेमोग्राफी के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश की युवाशक्ति अलग-अलग क्षेत्रों में उभर कर आ रही हैै। चाहे खेल हों या शिक्षा सभी क्षेत्रों में हमारे युवा कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार की कमी नही है और युवाओं को रोजगार लायक बनाने के लिए उनके स्किल को अपग्रेड करने और उन्हें हुनरमंद बनाने के लिए 50 से ज्यादा उद्योगों के साथ समझौते हुए हैं। इन उद्योगों में युवाओं को ना केवल स्किल की टेªनिंग दी जाएगी बल्कि उन्हें वहीं पर रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार ने निजी संस्थानों में रोजगार में हरियाणा वासियों को 75 प्रतिशत हिस्सेदारी देने का नियम बनाया है परंतु यदि उद्योगों को उपयुक्त व्यक्ति ना मिले तो वे उपायुक्त से अनुमति लेकर बाहर से भी व्यक्ति को रोजगार पर रख सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उद्यमियों से सलाह करके उनकी सहमति से इस नियम में 50 हजार रूप्ए मासिक से कम करके 30 हजार रूपए मासिक किया गया है अर्थात् 30 हजार रूपए मासिक तक की नौकरियों पर यह नियम 15 जनवरी से लागू होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियां पूर्ण रूप से मैरिट पर दी जा रही हैं। जो व्यक्ति मैरिट में आएगा उसे नौकरी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम एमएसएमई और स्टार्टअप को बढावा दे रहे हैं। प्रदेश में 1500 स्टार्टअप को रोजगार दिया गया है तथा 4 हजार आवेदन अभी प्रोसेस में हैं। उन्होंने दावा किया कि यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि पड़ौसी राज्यों से अधिक है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं और सभी सरकारी, गैर सरकारी, उद्योगों आदि में मिलाकर हर वर्ष पांच लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफटी एडवाइजर अनिल राव, मीडिया सलाहकार अमित आर्य, मीडिया कॉर्डिनेटर मुकेश वशिष्ट, पुलिस आयुक्त के के राव, उपायुक्त डा. यश गर्ग, विभिन्न औद्योगिक एसोसिएशनों के पदाधिकारी, वरिष्ठ चिकित्सकों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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