सीएम खट्टर कैबिनेट की बैठक बुलाकर मानेसर निगम निगम को करे भंग.
मानेसर नगर निगम में शामिल सभी 30 गांवों ने दर्ज कराया अपना विरोध.
नैन कवर शिकोहपुर  की अध्यक्षता में महापंचायत का सर्वसम्मति से फैसला.
31 दिसंबर शुक्रवार को सीएम खट्टर के आगमन पर मिलेगी महापंचायत

फतह सिंह उजाला
पटौदी/मानेसर ।
 सीएम मनोहर लाल खट्टर सरकार के मंत्री मंडल के द्वारा प्रदेश के 11वें नगर निगम के नाम पर मानेसर नगर निगम पर लगाई गई मुहर अथवा दी गई स्वीकृति के 1 वर्ष पूरा होते ही 30 गांव की महापंचायत ने जबरदस्त विरोध दर्ज करवाया है । बुधवार को नैन कवर शिकोहपुर पुर की अध्यक्षता में आयोजित महापंचायत ने दो टूक शब्दों में कहा कि मानेसर नगर निगम को अविलंब भंग किया जाए। सरकार के द्वारा कथित रूप से जबरन थोपा गया नगर निगम ग्रामीणों को कतई भी स्वीकार और मंजूर नहीं है ।

गौरतलब है कि करीब 1 वर्ष पहले 22 दिसंबर 2020 में ही सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में नए मानेसर नगर निगम की मंजूरी प्रदान की गई थी। मानेसर नगर निगम में 29 गांवों को शामिल किया गया था, जिनकी आबादी लगभग तीन लाख बताई जाती है । मानेसर नगर निगम पर मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ ही जिला गुरुग्राम प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया, जिसमें गुरुग्राम और मानेसर दो नगर निगम, सोहना नगर परिषद तथा तीन नगर पालिका तावड़ू, पटौदी, हेलीमंडी समाहित है । बुधवार को मानेसर नगर निगम के खिलाफ महापंचायत से निश्चित ही सीएम मनोहर लाल खट्टर और स्थानीय एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता को झटका लगना भी स्वभाविक है । इस महापंचायत में मानेसर नगर निगम में शामिल किए गए गांव कासन ,खोह ,नाहरपुर, कासन, नवादा, फतेहपुर, ढ़ाणा, बासकुशला, बास हरिया, ककरोला, भांगरोला, ढ़ोरका, वजीरपुर, बढ़़ा, सिकंदरपुर, रामपुर, शिकोहपुर, नखरोला, बार गुज्जर, नौरंगपुर, मेवका, हयातपुर , सहरावन, नैनवाल, कुकड़ाला,े झुंडसराय , फाजल वास, गोपालपुर , गढ़ी हरसरू की सरदारी शामिल अथवा मौजूद रही।

इनमें मुख्य रूप से नेतराम, दया किशन, रामानंद, समंदर सिंह, सतीश ,दयानंद , रामकुमार, सुबे सिंह, रविंदर, श्यो चंद, रामेश्वर दास , लक्ष्मण सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे । कथित रूप से जबरन थोपे गए मानेसर नगर निगम के मुद्दे को लेकर महापंचायत में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा आरोप लगाया गया कि जब से 29 गांवों को मिलाकर मानेसर नगर निगम बनाया गया है , देहात अथवा ग्रामीण परिवेश की जो दिनचर्या रहन सहन आवासीय व्यवस्था सहित अन्य आम आदमी से संबंधित सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही है । आज हालात यह बन चुके हैं कि किसी भी ग्रामीण को अपने मकान दुकान प्लाट इत्यादि पर मरम्मत के लिए एक ईट भी लगानी हो तो प्रशासनिक अमला सिर पर आकर खड़ा हो जाता है। इतना ही नहीं हर छोटी से छोटे काम के लिए अब अधिकारियों की मिन्नतें करनी ग्रामीणों की मजबूरी बन चुकी है । गांव को मिलाकर बनाए गए नगर निगम से बेहतर 1 वर्ष पहले हमारी अपनी देहात की ही दिनचर्या और रहन-सहन सहित अन्य प्रकार की अनेक सुविधाएं उपलब्ध थी । लेकिन नगर निगम की आड़ में कथित रूप से सबसे अधिक आर्थिक शोषण ही ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है।

मानेसर नगर निगम चुनाव का विरोध
बुधवार को आहूत इसी महापंचायत में इस बात की भी घोषणा डंके की चोट पर कर दी गई कि मानेसर नगर निगम चुनाव का, निगम में शामिल सभी गांव और ग्रामीण एक आवाज में एकजुट होकर विरोध करेंगे। फिर भी किसी ने चुनाव के लिए पर्चा भरा या फिर नामांकन की पहल की तो उस व्यक्ति को अपनी राजनीति का भी खामियाजा भुगतने के लिए अभी से तैयार रहना होगा । महापंचायत में बेबाक तरीके से कहा गया कि सरकार और प्रशासन के द्वारा नगर निगम चुनाव के लिए वार्ड बंदी का काम किया जा रहा है । लेकिन सरकार और प्रशासन का नगर निगम चुनाव करवाने का सपना किसी कीमत पर भी पूरा नहीं हो सकेगा ।

इसी मौके पर वक्ताओं ने आरोप लगाया कि गांवों को मिलाकर बनाए गए मानेसर नगर निगम में अनेक प्रकार के भ्रष्टाचार भी हो रहे हैं । अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं , सही मायने में देहात और ग्रामीणों को जो सुविधा और सहूलियत होनी चाहिए अथवा मिलनी चाहिए उनका भी हनन किया जा रहा है । इन सब हालात में सभी 29 गांवों की सरदारी के द्वारा फैसला किया गया है कि हरियाणा सरकार मानेसर नगर निगम को अविलंब भंग कर देना चाहिए। यदि सरकार अपनी जिद्द पकड़ी रही तो ग्रामीण किसी भी आंदोलन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और सत्ता सीन भारतीय जनता पार्टी और गठबंधन पार्टी जननायक जनता पार्टी को भी इस का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है ।

31 को सीएम से मिलेगी महापंचायत
बुधवार को मानेसर नगर निगम के खिलाफ और मानेसर नगर निगम को भंग किए जाने के मुद्दे को लेकर आहूत महापंचायत में यह फैसला भी किया गया कि 31 दिसंबर शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर से महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपना विरोध दर्ज करवाएगा । इसमें एकमात्र मांग यही की जाएगी कि मानेसर नगर निगम को भंग किया जाए । सीएम खट्टर को मानेसर नगर निगम बंद किया जाने से संबंधित 30 गांव की सरदारी के द्वारा विधिवत रूप से ज्ञापन भी तैयार कर लिया गया है और यही ज्ञापन गुरुग्राम आगमन पर सीएम मनोहर लाल खट्टर को भी सौंपा जाएगा । हालांकि बुधवार की महापंचायत से पहले भी ग्रामीण निगम अधिकारियों के समक्ष अपना विरोध दर्ज करवा चुके हैं । खास बात यह बताई गई है कि जिस समय मानेसर नगर निगम को बनाने के लिए 29 गांवों की पंचायत से प्रस्ताव मांगे गए थे ,उस समय 2 दर्जन से अधिक पंचायतों के द्वारा मानेसर नगर निगम बनाने के समर्थन में पारित प्रस्ताव नहीं दिए गए हैं । बमुश्किल चार या पांच गांव के द्वारा ही अपनी सहमति प्रदान की गई थी।

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