पटौदी के पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी का भाजपा की इमानदारी पर कटाक्ष. भगवान राम के नाम पर राम भक्तों की आस्था के साथ खेला गया खेल. क्या भाजपा के राज में भगवान श्रीराम का हाथ केवल भाजपा के साथ फतह सिंह उजाला पटौदी । राम मंदिर , जोकि प्रत्येक राम भक्त की अटूट आस्था और श्रद्धा का केंद्र पवित्र नगरी अयोध्या में है। वहीं पर ही भगवान राम के नाम से बनाए जा रहे मंदिर के ट्रस्ट के पदाधिकारियों और सदस्यों के द्वारा राम के नाम की आड़ में जिस प्रकार का भ्रष्टाचार निकल कर सामने आया है, उससे निश्चित ही भगवान राम भी हैरान और परेशान हो रहे होंगे । अभी तक तो यही कहा जाता रहा है कि राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट । लेकिन अयोध्या में जिस प्रकार जमीनों की खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार का मामला सामने निकल कर आया है , उसे देखते हुए यही कहना बेहतर होगा कि राम नाम की लूट नहीं बलिक राम के नाम पर ही लूट का खेल खेला जा रहा है । यह तीखी प्रतिक्रिया पटौदी के पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी के द्वारा राम मंदिर की जमीन की खरीद-फरोख्त में उजागर हुई अनियमितताओं को लेकर व्यक्त की गई है । पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा और भाजपा के नेता सहित भाजपा से जुड़े तमाम संगठन ईमानदारी, नेक नियति, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्ति के गीत सत्ता में आने के पहले दिन से ही गाते आ रहे हैं । लेकिन जिस प्रकार से अयोध्या में राम मंदिर की जमीन से जुड़े खरीद-फरोख्त के मामले में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का मामला पकड़ा गया है, इससे यही साबित होता है कि भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार करने वाले भाजपा और भाजपा सरकार की सरपरस्ती में अपने दिल खोलकर वारे न्यारे करने में लगे हुए हैं। ऐसा लगता है शायद यही अच्छे दिन हैं , लेकिन यह अच्छे दिन केवल और केवल भाजपा और भाजपा से संबंधित संगठन के नेताओं और पदाधिकारियों के लिए ही है । पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी ने सवाल किया कि क्या भाजपा की यूपी सरकार, करोड़ों रुपए के राम के नाम पर किए गए भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ भगवान राम के राम राज्य के सपने को साकार करते हुए कोई तत्काल कठोर कार्यवाही करेगी भी या फिर राम नाम की लूट की विशेष छूट प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा की काश भगवान श्री राम की ऐसी कृपा सहित आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो जाए तो फिर कोई भी गरीब देश में दिखाई ही नहीं देगा । पूर्व एमएलए भूपेंद्र चौधरी ने सवाल किया कि क्या वास्तव में अयोध्या में राम मंदिर जमीन को लेकर जिस प्रकार से खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार किया गया , यह भ्रष्टाचार करने वालों को वास्तव में ही क्या भगवान श्रीराम की असीम कृपा सहित आशीर्वाद भी प्राप्त है ? उन्होंने कहा कि यह भगवान श्रीराम और उनके नाम पर मंदिर की जमीन से जुड़ा खरीद-फरोख्त का एक ऐसा भ्रष्टाचार का मामला है जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में या फिर सुप्रीम कोर्ट के ही विद्वान न्यायधीश के द्वारा होनी चाहिए । जिससे कि भगवान श्री राम के रामराज्य का सपना प्रत्येक भारतीय की राम के प्रति आस्था और श्रद्धा के अनुरूप साकार हो सके । उन्होंने कहा भगवान श्री राम सभी को सद्बुद्धि प्रदान करते हुए अपने नाम पर किए गए भ्रष्टाचार रूपी राक्षस का संहार भी करे। आज वास्तव में देश से भ्रष्टाचार रूपी राक्षस के संहार किया जाने की इच्छा शक्ति की आवश्यकता है। Post navigation 58 ट्रेड लाइसेंस और 225 प्रॉपर्टी आईडी मामलों का निपटारा: जरावता सुखबीर चौधरी पंजाब हरियाणा बार काउंसिल प्रशासनिक कमेटी में मनोनीत