हरियाणा नाबार्ड से वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 44 प्रतिशत अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने में देश में अग्रणी राज्यों में से एकमुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एचपीसी की बैठक में दी गई जानकारीनाबार्ड के तहत चलाए जा रहे सभी प्रोजेक्ट को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करें अधिकारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश चंडीगढ़, 23 दिसम्बर- कोविड-19 वैश्विक महामारी के बावजूद भी हरियाणा राज्य में विकास की गति में कमी नहीं आई और हरियाणा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 44 प्रतिशत अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने में देश में अग्रणी राज्यों में रहा। राज्य ने वर्ष 2019-20 में 715 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2020-21 में 1030 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त की, जो प्रदेश में हो रही उन्नति को दर्शाता है। यह जानकारी हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल की अध्यक्षता में आज यहां हुई वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में दी गई। बैठक में नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं और विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2021 -22 के दौरान नाबार्ड द्वारा परियोजनाओं के लिए 1800 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 1242 करोड़ रुपये अनुमोदित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार, 1400 करोड़ रुपए के संवितरण लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 536 करोड़ रुपये से अधिक की अदायगी नाबार्ड द्वारा की जा चुकी है। मुख्य सचिव ने वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड की परियोजनाओं के लिए 1100 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध 1129.61 करोड़ रुपये (102 प्रतिशत) की परियोजनाएं अनुमोदित करने के लिए प्रशासनिक सचिवों और नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नाबार्ड के तहत चलाए जा रहे सभी प्रोजेक्ट को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करें और इसके लिए प्रशासनिक सचिव स्वयं नियमित रूप से समीक्षा बैठक करें। वित्त एवं आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन प्रसाद ने बैठक में सूक्ष्म सिंचाई, भंडारण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी प्रसंस्करण और मत्स्य के बुनियादी ढांचा फण्ड के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवलेपमैंट फंड (आरआईडीएफ) के तहत ब्याज की दर 2.75 प्रतिशत है इसलिए अधिक से अधिक योजनाओं को नाबार्ड के तहत शुरू किया जाए। बैठक में बताया गया कि सोनीपत के बड़ी में बन रहा मेगा फूड पार्क का कार्य 31 मार्च 2022 तक पूर्ण हो जाएगा। इस पर लगभग 169 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसी प्रकार, अंतरराष्ट्रीय बागवानी बाजार, गन्नौर, सोनीपत की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस मंडी को 545 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है, जिसके लिए नाबार्ड 1600 करोड़ की सहायता प्रदान कर रहा है। बैठक में बताया गया कि सूक्ष्म सिंचाई फंड के तहत नाबार्ड ने 790 करोड़ रुपये के चार प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान की है। जिनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और मिकाडा की परियोजनाएं शामिल हैं। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री देवेंद्र सिंह, स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री महावीर सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मत्स्य विभाग के प्रधान सचिव श्री अशोक खेमका, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती जी. अनुपमा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation सरकार लगातार चला रही नशा विरोधी मुहिमः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री का जुमला उछालना कि मेरी ईमानदारी पर किसी को शक नही तो फिर जांच पर शक क्यों ? विद्रोही