हूड़ा से संबंधित जमीन का मामला, अधिकारियों का मर गया जमीर।
यह मामला साथ लगते रेवाड़ी में ओस्टीज कोटे के प्लाटों से जुड़ा।
75 लाभार्थी अपने प्लाटो  के लिए यहां-वहां भटक धक्खे खा रहे।
पटौदी के सत्यनारायण सहित 10 पहुंचे पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट।
माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का भी हूडा अधिकारियों को नहीं डर

फतह सिंह उजाला

पटौदी । मामला जहां जमीन से जुड़ा हो और वहां हेरा फेरी भी नहीं हो और वह भी उन हालात में जब सरकारी विभाग हुडा के द्वारा जमीनों का अधिग्रहण और बदले में प्लाटों का आवंटन किया जाना हो । ऐसे में कथित पारदर्शिता और इमानदारी सरकार की जीरो टोलरेंस पॉलिसी सहित भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिए चुनौती ही साबित हो रही है । ऐसे ही मामले को लेकर पटौदी हलके के गांव नूरगढ़ के रहने वाले सत्यनारायण और अन्य लाभार्थियों के द्वारा पत्रकार वार्ता करते हुए अधिकारियों की मनमानी किए गए भ्रष्टाचार का खुलासा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के द्वारा जारी आदेशों के हवाले से किया गया है।

ओस्टीज कोटे के प्लाटों के लाभार्थी सत्यनारायण शर्मा ,दयाराम सैनी, ममता, श्रीमती कृष्णा देवी, वीरेंद्र सैनी, जगन्नाथ बत्रा, सुरेंद्र सैनी सहित 10 लाभार्थियों के द्वारा रेवाड़ी हुडा और संपदा अधिकारियों के द्वारा की गई मनमानी के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया । यहां पत्रकारों से बात करते बताया गया कि इस पूरे मामले में 75 लाभार्थी हैं । संबंधित अधिकारियों के द्वारा ड्रा निकाले जाने से पहले लिखित में अधिकारिक सूचना ही नहीं दी गई । यह मामला जब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा तो वहां पर प्रतिवादी पक्ष की तरफ से स्वीकार किया गया कि प्लॉट आवंटन ड्रा में विसंगतियां और कमियां हुई है । इसी आधार पर हाई कोर्ट के द्वारा संपूर्ण प्रक्रिया पर स्टे लगाते हुए 3 माह में रिपोर्ट तलब करने के निर्देश दिए । आरोप अनुसार जो भी संबंधित अधिकारी कर्मचारी दोषी थे , अब वही मामले में जांच अधिकारी बनाए गए है।

पीड़ितों के मुताबिक जब एक बार हाई कोर्ट के अंदर प्रतिवादी हुडा की गलती या दोष साबित हो चुका है, तो ऐसे में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ हरियाणा सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए । लेकिन ऐसा नहीं किया गया । पीड़ित पक्ष के द्वारा बताया गया है कि 21 सितंबर 2020 को ओस्टीज कोटे के तहत प्लाट आवंटन के लिए ड्रा किया गया , इसकी पूरी कार्रवाई संपदा अधिकारी हुडा रेवाड़ी के द्वारा ही की गई । आरोप अनुसार विभाग के ही तेजतर्रार अधिकारियों के द्वारा आउट सोर्स पर लगे कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके ओस्टीज कोटे के प्लाटों के आवंटन में प्रॉपर्टी डीलरों से मिलीभगत करके मनमाना भ्रष्टाचार और हेराफेरी सहित घोटाले बाजी की गई । पात्र लाभार्थियों के दस्तावेजों में अनावश्यक रूप से खामियां निकालकर चक्कर कटवाते रहे और दूसरी तरफ अधिकारी अपना खेल खेलते रहे ।

पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि इस पूरे मामले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर , गृह मंत्री अनिल विज, हरियाणा शहरी विभाग व नगर आयोजना विभाग के प्रधान सचिव, हुडा न्याय एवं विधि विभाग मुख्य सतर्कता अधिकारी चंडीगढ़, मुख्य सतर्कता अधिकारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पंचकूला, महानिदेशक हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो पंचकूला, महानिदेशक गुप्तचर विभाग हरियाणा पंचकूला, हुडा प्रशासक गुरुग्राम को भी पत्र भेजकर पूरे मामले से अवगत कराया जा चुका है । पीड़ित पक्ष के लोगों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज संज्ञान लेते हुए अविलंब उन अधिकारियों को उनके मौजूदा विवाद हुडा से किसी अन्य विभाग में स्थानांतरित कर किसी भी निष्पक्ष उच्च अधिकार प्राप्त एजेंसी से पूरे मामले की जांच करवाएं । यह केवल मात्र रेवाड़ी के 75 लाभार्थियों का मामला नहीं, ऐसे ही मामले अन्य जिलों में भी सामने आने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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