पटौदी के नए ज्यूडिशल कोर्ट कांपलेक्स में आवागमन का मामला.
बिलासपुर से कुलाना के बीच व्यस्त सड़क मार्ग पर वाहनों की दौड़.
यहां अभी दो लेन और भविष्य में बनाया जाना है फोरलेन सड़क मार्ग.
स्पीड ब्रेकर के साथ ही रोड पर रेड लाइट इंडिकेटर का भी विकल्प

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी का नया जुडिशल कोर्ट कंपलेक्स और न्यायिक अधिकारियों का आवासीय परिसर जिसका की बीते 4 दिसंबर को उद्घाटन होने के बाद यहां पर विधिवत रूप से कार्य आरंभ हो चुका है । इसके साथ ही पटौदी बार एसोसिएशन के अनुरोध पर कोर्ट परिसर में ही बने हॉल में एडवोकेटस को बैठने की सुविधा भी उपलब्ध करवा दी गई है। जब से नए कोर्ट में काम आरंभ हुआ है , अक्सर यही देखने में आ रहा है कि कोर्ट में आने जाने वाले आम जनमानस वाहनों में बैठने के लिए मुख्य सड़क के दोनों तरफ ही खड़े होकर हाथ से इशारा देकर वाहनों को रोककर उनमें सवार हो अपने गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो आम जनमानस की सुविधा के लिए कोर्ट परिसर के सामने मुख्य सड़क पर दोनों तरफ वाहनों के ठहरने की पर्याप्त जगह या फिर बस स्टाप अथवा क्यू शेल्टर की भी सुविधा उपलब्ध हो , यह भी महसूस किया जा रहा है।

नया कोर्ट कांपलेक्स पटौदी और हेलीमंडी के बीच में व्यस्त सड़क मार्ग के किनारे पर ही मौजूद है और कोर्ट परिसर में आवागमन के लिए पटौदी से हेली मंडी की तरफ और हेली मंडी से पटौदी की तरफ आवागमन करते हुए वाहनों को एक ही तरफ कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के लिए आवागमन करना पड़ रहा है । हालांकि पटौदी ज्यूडिशल कोर्ट का, कोर्ट की तरफ ऊंचा साइन बोर्ड लगाया गया है। फिर भी जिस प्रकार से बिलासपुर से कुलाना के बीच दो लेन सड़क मार्ग पर यातायात का दबाव और हैवी व्हीकल सहित अन्य व्हीकल दौड़ते हुए निकलते हैं , ऐसे में कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के यहां आने वाले सभी वाहन चालक कथित रूप से अपने आप को असहज महसूस करते हैं ।

हालांकि सड़क मार्ग को पार करने वास्ते पैदल आवागमन के लिए नए कोर्ट के सामने ही सड़क मार्ग पर जेब्रा पट्टी बनाई गई है । लेकिन जानकारों का तर्क यही है कि जेबरा क्रॉसिंग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी विभाग को स्पीड ब्रेकर बनाने पर गंभीरता से विचार करते हुए स्पीड ब्रेकर बनाने को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए । जिससे कि कोर्ट के सामने सड़क पर तेज गति से दौड़ने वाले वाहनों की स्पीड पर किसी हद तक अंकुश लग सकेगा और यही अंकुश हादसों की आशंका और संभावनाओं को भी किसी हद तक कम करते हुए वाहन चालकों के लिए बहुत बड़ी राहत साबित होगा।

फिलहाल सर्दी का मौसम आरंभ हो चुका है और जैसे-जैसे सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा ऐसे में गहरा कोहरा और धुंध का छाया रहना लाजमी है । घने कोहरे और धुंध के बीच मुख्य सड़क मार्ग पर अधिक यातायात का दबाव और वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी होती है ।  हादसे सहित किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। फिलहाल यहां नए कोर्ट परिसर में वाहनों के खड़े करने के लिए अथवा पार्किंग के लिए भी पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं होने की वजह से मुख्य सड़क मार्ग पर ही सफेद पट्टी के दोनों तरफ कोर्ट के कार्य समय के दौरान वाहनों को खड़े हुए देखा जा सकता है । कड़ाके की सर्दी और गहरी धुंध सहित कोहरे के बीच जब वाहन चालक के लिए दृश्यता कम होने की वजह से वाहन चलाना आसान काम नहीं होता, तो ऐसे में सड़क किनारे सफेद पट्टी के साथ खड़े रहने वाले वाहनों से अन्य वाहन चालकों को होने वाली परेशानी का भी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है ।

सड़क पर सफेद पट्टी के किनारे वाहन भी खड़े रहेंगे और ऐसे में आमने-सामने से या आगे पीछे से आने जाने वाले वाहनों के द्वारा ओवरटेकिंग किया जाने को देखते हुए भी किसी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता । जानकारों का सीधा सीधा कहना और तर्क है कि संबंधित विभाग, जिला प्रशासन, यातायात नियंत्रण अधिकारी, इस सुविधा की तरफ भी गंभीरता से विचार करें कि नए ज्यूडिशल कोर्ट कंपलेक्स के सामने सड़क मार्ग पर जहां ज़ेबरा क्रॉसिंग बनाई गई है वहीं पर ही स्पीड ब्रेकर बनाने के साथ ही रेड लाइट इंडिकेटर की भी व्यवस्था की जाए। जिससे कि पटौदी और हेली मंडी की तरफ से आने जाने वाले सभी वाहन चालकों को रेड लाइट इंडिकेटर को देखते हुए अपने-अपने वाहनों की स्पीड नियंत्रित करने या कम रखने के लिए स्पष्ट रूप से इशारा और संदेश प्राप्त हो जाए। अब देखना यह है कि पीडब्ल्यूडी विभाग , यातायात नियंत्रण विभाग, सहित अन्य संबंधित विभाग और शासन-प्रशासन के द्वारा इस दिशा में सुरक्षा के दृष्टिगत क्या और किस प्रकार का कितनी जल्दी फैसला लेते हुए संभावित दुर्घटनाओं की आशंका को दूर करने के लिए उपाय अमल में लाए जा सकेंगे।

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