सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभपात्रों के लंबित आवेदनों का बैंक शीघ्र निस्तारण करें-डॉ यश गर्ग, गुरुग्राम, 22 दिसंबर। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज जिला के बैंकर्स को निर्देश दिए कि वे प्राथमिकता क्षेत्र तथा सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लाभार्थियों को सरलता से ऋण की राशि उपलब्ध करवाएं। उन्होंने मुख्यमंत्री अंतोदय परिवार उत्थान योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, जिसकी मुख्यमंत्री स्वयं समय-समय पर समीक्षा करते हैं, इसलिए इस योजना के लाभपात्रों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए उदारता से ऋण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने में बैंकों की अहम भूमिका है। डा. गर्ग आज लघु सचिवालय के सभागार में बैंकर्स की जिला स्तरीय समीक्षा कमेटी एवं जिला परामर्शदात्री कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में जिला में बैंकों का सीडी रेश्यो अर्थात् ऋण-जमा अनुपात में सुधार करने पर चर्चा के साथ प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना, पीएम स्वानिधि योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मिनी डेयरी की स्थापना, रूडसैट, स्टैंडअप इंडिया, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुधन कै्रडिट कार्ड योजना सहित प्राथमिकता क्षेत्र व अन्य सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। यह बैठक मौजूदा वित्त वर्ष के सितंबर माह में खत्म हुई तिमाही के दौरान जिला के बैंकों के माध्यम से लागू योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी। उपायुक्त ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला के सभी सरकारी व गैर सरकारी बैंक केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत पात्र व्यक्तियों के लंबित ऋण आवेदनों का शीघ्र निपटारा करें। इस बैठक में जिला के सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों सहित संबंधित सरकारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक प्रहलाद रॉय गोदारा ने सभी बैंकों की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना मंे इस वर्ष इसी अवधि में एमएसएमई ईकाइयों को 2164 करोड़ रूपए की अधिक राशि बतौर ऋण उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि इस तिमाही मंे जहां एमएसएमई सैक्टर को जिला के बैंको द्वारा 13632 करोड़ रूपए वितरित किए गए हैं वहीं पिछले वर्ष इसी अवधि में 11468 करोड़ रूप्ए की राशि दी गई थी। लिहाजा, इस वर्ष एमएसएमई सेक्टर को इसी तिमाही में 18.87 प्रतिशत अधिक ऋण की अदायगी की गई है। इसी प्रकार कृषि क्षेत्र को भी इस तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 59 करोड़ रूपए ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। पिछले वर्ष कृषि क्षेत्र को सितंबर माह मंे खत्म हुई तिमाही में 1467 करोड़ रूप्ए के ऋण दिए गए थे जबकि इस वर्ष इसी अवधि में 1526 करोड़ रूपए की राशि दी गई जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 4.02 प्रतिशत अधिक है। प्रायरटी सैक्टर अर्थात् प्राथमिकता के क्षेत्रों को भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 2309 करोड़ रूप्ए ज्यादा दिए गए हैं। पिछले वर्ष 16225 करोड़ रूपए की राशि के ऋण दिए गए थे जबकि इस वर्ष इसी अवधि में 18534 करोड़ रूप्ए की राशि दी गई है जोकि पिछले वर्ष से 14.23 प्रतिशत अधिक है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी सितंबर माह के अंत तक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 149 आवेदकों का ऋण मंजूर किया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत जिला में मौजूदा वित्त वर्ष में 165 लोगों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से 108 व्यक्तियों के आवेदन ऋण अदायगी के लिए विभिन्न बैंकों को भेजे गए हैं जिनमें से अभी तक 42 आवेदकों को ऋण स्वीकृत दिया जा चुका है तथा 20 आवेदन लंबित हैं। यह भी बताया गया कि मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत ऋण भी राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के दायरे में आते हैं। श्री गोदारा ने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की स्कीमों के लिए इस वित्त वर्ष में 588 का लक्ष्य निर्धारित है। इनमंे से अभी तक 263 आवेदन विभिन्न बैंक शाखाओं को स्पोंसर किए गए हैं जिनमें से 18 स्वीकृत हुए हैं और उन्हें ऋण राशि भी जारी हो चुकी है जबकि 188 आवेदन अभी बैंकिंग प्रक्रिया में हैं। बैठक में पशुपालन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डा. पुनिता गहलावत ने बताया कि आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के लिए जिला में आयोजित किए गए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों में मिनी डेयरी के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं जो बैंकों को स्पोंसर किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना में 15 दुधारू पशुओं की खरीद हो भी चुकी है। साथ ही डा. पुनिता ने बताया कि भेड़ पालन और सुअर पालन के लिए आवेदकों के आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं। भेड़ व बकरी पालन के लिए 98 हजार रूपए का ऋण दिया जाता है जिसमें से 90 हजार रूपए सबसिडी है। आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम विक्रम ढांडा ने बैठक में उपस्थित बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंककर्मी ड्यूटी के साथ साथ मन में समाजसेवा का भाव भी रखे व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के आवेदनों को प्रमुखता में रखते हुए जल्द से जल्द उनको स्वीकृति प्रदान करें। बैठक में नाबार्ड से क्लस्टर हेड विनय कुमार त्रिपाठी ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकिंग सेक्टर का अहम रोल है। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी बैंकों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल को सार्थक बनाने में आगे आकर सहयोग करें। इस मौके पर उपायुक्त ने पोटेंशियल लिंकड कै्रडिट प्लान 2022-23 का भी विमोचन किया। इस मौके पर केनरा बैंक के डीआरएम रतीश चन्द्र झा, पशुपालन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डा. पुनीता गहलावत सहित विभिन्न बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। Post navigation हरियाणा निवासी पूर्व आईएएस डॉक्टर राकेश कुमार बने उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमिशन के चेयरमैन वीरवार को जिला में वैक्सीनेशन अभियान के तहत 67 टीकाकरण केन्द्रों पर लगेगी कोविशिल्ड की पहली व दूसरी डोज