रेवाडी , 22 दिसम्बर 2021 – चौतरफा विरोध के बावजूद भी रेवाडी जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कुर्सी की हनक में रेवाडी सरकुलर रोड़ पर स्वेच्छाधारी ढंग से वन-वे ट्रैफिक लागू करने के तुगलकी फैसले को जारी रखने की स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कठोर आलोचना करते हुए इसे अधिकारियों का तानाशाहीपूर्ण आचरण बताया।

विद्रोही ने कहा कि लगभग तीन सप्ताह से ज्योदा समय से सरकुलर रोड़ पर जारी वन-वे ट्रैफिक प्रयोग की असफलता सामने आने पर भी प्रशासन व पुलिस कुर्सी की हनक में किसी की भी परवाह किये बिना इसे जारी रखे हुए है। भाजपा-संघी राज में चाहे केन्द्र की मोदी सरकार हो या हरियाणा की भाजपा खट्टर सरकार हो या उनका प्रशासन, किसी भी स्तर पर लोकतांत्रिक भावना, लोकलाज का पालन न करके मनमाना स्वेच्छापूर्ण आचरण किया जाता है जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक संघी प्रवृत्ति है।

विद्रोही ने कहा कि रेवाड़ी शहर के लोगों की जनभावना का सबसे बड़ा प्रतीक नगरपरिषद के निर्वाचित पार्षद है। नगर परिषद रेवाडी ने भी बकायदा प्रस्ताव पास करके सरकुलर रोड़ को वन-वे करने पर विरोध जताया है। वहीं शहर के सभी वाणिज्यिक संगठन भी इसका विरोध कर रहे है। आम नागरिक, छोटे वाहन चालक, आटो रिक्शा चलाने वाले सभी इसका विरोध करके अपनी-अपनी समस्याएं प्रशासन को बता रहे है। फिर भी अधिकारियों के कानो पर जूं तक नही रेंग रही है और कुर्सी की हनक में वे अपनी मनमानी करने पर उतारू है।

विद्रोही ने कहा कि प्रशासन को नही भूलना चाहिए कि लोकतंत्र में वेे कुर्सी पर बैठे जनता के मालिक नही अपितु सेवक है। सेवक का बेलगाम होकर अपनी हनक को पूरा करने खातिर मनमाना आचरण लोकतंत्र में बर्दाश्त नही किया जा सकता। जब अधिकारी अपनी मनमानी से बाज नही आ रहे है, तब मुख्यमंत्री को खुद हस्तक्षेप करके जनभावनाओं के सम्मान व जनसुविधा अनुसार निर्णय करना चाहिए। विद्रोही ने मुख्यमंत्री खट्टर से आग्रह किया कि वे रेवाड़ी प्रशासन को मनमानी करने से रोके व रेवाड़ी के हालातों के मध्यनजर सरकुलर रोड़ को वन-वे ट्रैफिक बनाने के अधिकारियों के तुगलकी फैसले को तत्काल रोक लगाकर आमजनों को राहत दे।

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