संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस वक्तव्य : जारीकर्ता –बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव 14 दिसंबर 2021 – संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हत्याकांड में एसआईटी की जांच रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमे 13 आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा टेनी भी इसमें शामिल हैं। न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपे गए अपने बयान में, विशेष जांच दल ने पुष्टि की है कि, “अब तक की विवेचना व संकलित साक्ष्यों से यह प्रमाणित हुआ कि उपरोक्त अभियुक्तगणों द्वारा उक्त आपराधिक कृत्य को लापरवाही एवं उपेक्षा से नहीं बल्कि जानबूझकर पूर्व से सुनियोजित योजना के अनुसार जान से मारने के नीयत से कारित किया है, जिससे पांच लोगों की मृत्यु हो गई है”। एसआईटी ने 13 अभियुक्तों पर मौजूदा आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना), और 304ए (गैर इरादतन हत्या) को हटाने की सिफारिश की है। इसके बजाय, इसने धारा 307 (हत्या का प्रयास), 326 (हथियार से खतरनाक चोट पहुंचाना), 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), और धारा 3/25/30 शस्त्र अधिनियम लगाने की सिफारिश की है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट , संयुक्त किसान मोर्चा और विरोध कर रहे किसानों के रुख की पुष्टि करती है कि लखीमपुर खीरी की घटना एक पूर्व नियोजित नरसंहार थी। इस बीच, घटना के मुख्य सूत्रधार अजय मिश्रा टेनी खुले-आम घूम रहे हैं, और केंद्र सरकार में अपनी पद पर बने हुए हैं। नवीनतम निष्कर्षों के आलोक में, एसकेएम मांग करता है कि मोदी सरकार इस “लखीमपुर खीरी में किसान हत्याकांड के साजिशकर्ता” को बचाना बंद करे, और उसकी बर्खास्तगी और गिरफ्तारी करे। इस मुद्दे पर एसकेएम अपना संघर्ष जारी रखेगा। भारत के किसान इस नरसंहार को तब तक नहीं भूलेंगे, जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिल जाता। Post navigation काशी विश्वनाथ और उत्तर प्रदेश के चुनाव सरदार पटेल का योगदान भारत की आजदी आंदोलन व आजादी के बाद देश के निर्माण में अविस्मरणीय है