महंत धीरज गिरी जूना अखाड़ा के नेतृत्व में 24 वा कैंप. महाभारत कालीन श्री प्राचीन शिव मंदिर का विशेष महत्व. मानव रक्त की एक एक बूंद बेहद मानव के लिए अनमोल फतह सिंह उजाला पटौदी । महाभारत कालीन प्राचीन श्री शिव मंदिर गोकुलपुर परिसर में रविवार को ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया गया । इस ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के अधिष्ठाता और महाकाल संस्थान के संस्थापक महामंडलेश्वर ज्योति गिरी के 56 वें जन्मोत्सव के उपलक्ष पर मंदिर परिसर में ही किया गया। इस ब्लड डोनेशन कैंप में मेजबान गांव के युवाओं सहित आसपास के युवाओं और महाकाल के प्रति श्रद्धालुओं के द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए 200 यूनिट ब्लड डोनेट किया गया । इस मौके पर महंत धीरज गिरी पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने कहा कि मानव रक्त की एक एक बूंद बेहद अनमोल है । रक्त की एक एक बूंद से किसी भी व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है । जिस प्रकार से आज पानी की एक-एक बूंद का महत्व लोगों को समझाया जा रहा है , ठीक उसी प्रकार से ही मानव रक्त का भी अपना महत्व है । खून अथवा रक्त केवल मानव शरीर में ही बन सकता है । इसका निर्माण अथवा उत्पादन दुनिया के किसी भी उद्योग अथवा फैक्ट्री में नहीं किया जा सकता । यह कुदरत और भगवान का मानव को दिया गया एक ऐसा आशीर्वाद है, इसी आशीर्वाद रूपी प्राण रक्षक रक्त से जरूरतमंद किसी भी व्यक्ति की जान भी बचाई जा सकती है । स्वस्थ व्यक्ति प्रत्येक 3 महीने में एक बार अपना रक्तदान कर सकता है । रक्तदान करने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। ब्लड डोनेशन कैंप का संचालन श्री कृष्णा मेडिकल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी रेवाड़ी के द्वारा किया गया। इस संस्था के कुशल एवं योग्य डॉक्टर और सहयोगियों की टीम में डॉक्टर नरेंद्र यादव, पीसी नसीर, धर्म सिंह, मनीषा, नीरज , अंकित, सचिन के द्वारा रक्त दाताओं के रक्त ग्रुप की पहले जांच की गई और उसके बाद में कोरोना कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ब्लड डोनर्स का ब्लड कलेक्ट किया गया । इस मौके पर महंत धीरज गिरी के द्वारा सभी ब्लड डोनर्स को रिफ्रेशमेंट सहित श्री कृष्णा मेडिकल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी रेवाड़ी के डॉक्टर नरेंद्र यादव के द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। वही मंदिर परिसर में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। Post navigation संतो के आचरण को जीवन में करें आत्मसात: विट्ठल गिरी आध्यात्मिकता के द्वारा समस्याओं का समाधान: डॉ .कार्तिकेयन