रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मचाई धूम
जीवन को नि:स्वार्थ कर्म के मार्ग पर ले जाती है गीता : राजदीप फौगाट

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 12 दिसंबर,पावन यज्ञ, दर्शनीय प्रदर्शनी, धार्मिक और लोकसंस्कृति से ओत-प्रोत कार्यक्रम सहित मंत्रों की सुमधुर वाणी और गीता महोत्सव के आयोजन से दादरी नगरी गीतामय हो उठी। तीन दिवसीय जिलास्तरीय अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ हुआ, जिसका सैंकड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारियों ने आनंद उठाया।

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन व पूर्व विधायक राजदीप सिंह फौगाट ने बतौर मुख्य अतिथि गीता महोत्सव का शुभांरभ हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत में सबसे पहले अधिकारियो ने पुष्प भेंट कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उसके बाद उत्सव स्थल पर गीता मंत्रों के साथ यज्ञ-हवन की शुरूआत की गई। हवन के बाद चेयरमैन राजदीप फौगाट ने दीप प्रज्जवलित कर परमयोगी भगवान श्रीकृष्ण एवं श्रीमद्भागवत गीता की वंदना कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया।

मुख्य अतिथि ने तदोपरांत सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव देखते हुए प्रदर्शनी का अवलोकन शुरू किया। उन्होंने दादरी जिला के गांवों और शहर में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे घरेलू उत्पादों की जमकर सराहना की। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आरटीए, बागवानी, स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाई गई यह प्रदर्शनी पांडाल में आने वाले हर एक दर्शक को आकर्षित कर रही थी।

गीता हमें सिखाती है नि:स्वार्थ भाव से कर्म करना : राजदीप फोगाट

मुख्य अतिथि चेयरमैन राजदीप सिंह फौगाट ने गीता महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि भगवत गीता मनुष्य को सिखाती है कि जब तक शरीर में जान रहेगी, हमें कर्मयोग के मार्ग पर चलना होगा। मनुष्य कहीं भी जीवन के पड़ाव में यह नहीं मान सकता कि अब वह विश्राम की स्थिति में आ गया है और उसे कुछ नहीं करना। यह जीवन कर्म से बंधा हुआ है और नि:स्वार्थ भाव से कर्म करते हुए हम इस बंधन से मुक्त भी हो सकते हैं।

धर्म और अधर्म में विभेद करती है गीता : डा. मुनीष नागपाल

अतिरिक्त उपायुक्त डा. मुनीष नागपाल ने समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन व पूर्व विधायक राजदीप फोगाट का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम के आयोजन में पूरा मन लगाकर काम किया है। जिसके परिणामस्वरूप यह आयोजन इतना सुंदर बन पाया है। उन्होंने कहा कि गीता का प्रथम श्लोक ध शब्द से शुरू होता है। जिसका अर्थ है कि यहां धर्म और अधर्म की लड़ाई है और हर एक व्यक्ति को यह जीवन के सही रास्ते को चुनना और सन्मार्ग पर चलने की प्रेरण देती है।

भांग रगड़ कै पिया करूं मैं कुंडी सोटे आला सूं……..

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच पर आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की टीम के कलाकारों ने अपनी मनभावन प्रस्तुतियों से शमां बांध दिया। छोरा हरियाणे का.. बम लहरी की धुनों पर लहराते हुए इन कलाकारों ने हर एक दर्शक को झूमने पर मजबूर कर दिया। समारोह में राकवमावि की छात्राओं ने मनै पढ़ण मदरसे जाण दे रही मां कर ले मेरी दया.. एपीजे स्कूल की छात्राओं ने वैवाहिक परंपराओं से सजे गीत देखै ननदी का भाई रै मैं नई नवेली नार…जनसंपर्क विभाग के कलाकार पवन, राजकपूर की रागनी खरे आदमी मुंह पर कह दे डरा नहीं कर दे.. इत्यादि प्रस्तुतियों ने खूब रंग जमाया।

इस अवसर पर नगरपरिषद सचिव प्रशांत पाराशर, सुशासन सहयोगी दिनेश मल्लाह, महिला एवं विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी गीता सहारण, डीआईओ अमित लांबा, शिक्षा अधिकारी कुलदीप फोगाट, बागवानी अधिकारी डा. राजेश कुमार, चिकित्सक डा. संदीप ङ्क्षसह, दीपक कुमार, कृषि अधिकारी डा. कृष्ण कुमार, विपिन  शर्मा, बलवान सांगवान, दीपक सतीजा, रेणु डाबरा, आरटीए सचिव दर्शना भारद्वाजा, बिशन आर्य, रोहतास शर्मा, कर्ण सोनी, सेवानंद शर्मा, अजय कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 13 अक्तूबर को महिला एवं बाल विकास निगम की चेयरमैन बबीता फौगाट मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहेंगी। सुबह दस बजे कार्यक्रम की शुरूआत होगी। यहां शाम तक प्रदर्शनी का आयोजन होगा व स्कूली बच्चों तथा बाहर से आए कलाकारो के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके अलावा गीता से संबधित विषयों पर सेमीनार का भी आयोजन होगा।

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