नौकरी बिक्री घोटाले’ में ऊपर तक मिलीभगत, सरकारी आदेशों से साबित हुई

चंडीगढ़ – आज खट्टर सरकार ने ‘‘अटैची दो- नौकरी लो’’ घोटाले के मुख्य मोहरे, अनिल नागर को बर्खास्त कर एक बार फिर हरियाणा के युवाओं की आंखों में धूल झोंकने की कुचेष्टा की है। मंशा साफ है कि किसी तरह और किसी प्रकार से ‘नौकरी बिक्री घोटाले’ में सरकार में बैठे सफेदपोशों की भूमिका जगजाहिर न हो।

पर खट्टर सरकार यह जान ले कि छोटे गुर्गों की बर्खास्तगी कर वह सरकार में शीर्षतम पदों पर बैठी ‘‘बड़ी मछलियों’’ को नहीं बचा पाएगी। अब सच्चाई आईने की तरह साफ है। सात साल में 32 पेपर लीक हुए और हर नौकरी की बोली लगाई गई। युवाओं का भविष्य अंधकार में झोंका गया और इस नाज़ायज़ लूट के पैसे को ऊपर तक पहुंचाया गया।

षडयंत्रकारी तरीके से अब पूरा दोष सिर्फ अनिल नागर तक मंड कर मामला रफा-दफा करने की साजिश की जा रही है। यह भाजपा-जजपा सरकार की ‘‘घोटाले करो-पर्दा डालो’’ योजना का हिस्सा है।

HSSC व HPSC को बर्खास्त करे बिना तथा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में SIT बना पूरे मामले की सीमित समय सीमा में जाँच करवाने के सिवाय कोई और चारा नहीं है।

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