जैविक व जीरो बजट प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की जरूरत : प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज

गुजरात के साबरकण्ठा से प्रगतिशील किसानों ने एचएयू का दौरा कर हासिल की जैविक एवं प्राकृतिक खेती की जानकारी

हिसार : 6 दिसंबर – चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि जैविक व जीरो बजट प्राकृतिक खेती वर्तमान समय की मांग है। इसके लिए विश्वविद्यालय का दीन दयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र किसानों को जागरूक कर रहा है। वे विश्वविद्यालय के भ्रमण व प्रशिक्षण के लिए आए गुजरात के साबरकण्ठा जिले के प्रगतिशील किसानों के दल को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एचएयू निरंतर किसानों के लिए इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है जिससे अधिक से अधिक किसानों को जैविक खेती, जीरो बजट प्राकृतिक खेती, फसल विविधिकरण, कृषि एवं उसके सहायक व्यवसायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं जहां से प्रशिक्षण हासिल कर किसान व युवा स्वरोजगार स्थापित करते हुए अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं।

उन्होंने प्रगतिशील किसानों से आह्वान किया कि वे यहां से हासिल की गई जानकारियों को एक रोल मॉडल के रूप में स्वयं हासिल करते हुए अपने आसपास के किसानों के साथ भी साझा करें ताकि उनको भी इनका लाभ मिल सके। इसी प्रकार आत्मा योजना के तहत चार दिवसीय भ्रमण एवं प्रशिक्षण के लिए आए किसानों ने विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रशिक्षण व शिक्षा संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति महोदय से संवाद किया और अपने अनुभवों को साझा किया। किसानों ने उन्हें वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए अमुल्य सुझावों व आधुनिक तकनीकों की जानकारी के बारे में भी बताया जिनका वे अपने क्षेत्र में जाकर स्वयं प्रयोग करते हुए अन्य किसानों को भी प्रेरित करेंगे। गुजरात से आए आत्मा स्कीम के इंचार्ज किरण पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा मुहैया करवाए जा रहे प्रशिक्षणों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए कुलपति व अधिकारियों का धन्यवाद किया।

जैविक कृषि उत्कृष्टता केंद्र का किया दौरा, हासिल की महत्वपूर्ण जानकारी
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ.रामनिवास ढांडा ने बताया कि प्रगतिशील किसानों के दल ने अपने दौरे के दौरान विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र का दौरा किया और 137 एकड़ में फैले क्षेत्र मेें की जा रही जैविक खेती की गहनता से जानकारी हासिल की। इस दौरान किसानों ने केला, अमरूद, सब्जियों व अन्य फसलों की जैविक खेती के विभिन्न चरणों के जैविक परिवर्तनों, जैविक कृषि प्रबंधन, इसके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया, तौर-तरीकों व जैविक कृषि प्रबंधन को लेकर विस्तारपूर्वक व गहनता से अवलेाकन किया। संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली यूनिट व बागवानी फार्म का भी भ्रमण कराया गया। इस अवसर पर डॉ. अनिल यादव, डॉ. डीके शर्मा, डॉ. ओपी बिश्रोई, डॉ. सुरेंद्र, डॉ. संदीप भाकर, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. देवेंद्र सिंह व डॉ. भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।

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