कमलेश भारतीय मैं एक किसान की बेटी हूं और इसीलिए किसान आंदोलन में जाने से रह न पाई । पहले टीकरी बाॅर्डर पर एक माह लगाया , फिर बाड्ढो पट्टी टोल पर मोर्चा संभाला । यह कहना है मूल रूप से खेदड निवासी युवा कार्यकर्त्ता व कवयित्री रीमन नैन का । वे आज बार एसोसिएशन के मुख्य द्वार पर धरना देने वाले किसानों में शामिल थी । मेरा रीमन से परिचय एक कवयित्री के रूप में हुआ था और उसके पहले काव्य संग्रह ‘मन की बात पन्नों पर ‘ को प्रकाशित करवाने के लिए मुझसे सम्पर्क किया था । अब एकदम उसकी भूमिका बदल गयी । रीमन ने गांव से जमा दो तक शिक्षा प्राप्त की और ग्रेजुएशन कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय से की । बाद में खेदड़ के गुरुधाम शिक्षण संस्थान से जेबीटी की । अभी वह दूरवर्ती पाठ्यक्रम से एम ए हिंदी कर रही है । -स्कूल में किन गतिविधियों में भाग लेती रही ?-मंच संचालन और नाटकों में भाग लिया करती थी । -और जेबीटी काॅलेज में किन गतिविधियों मे शामिल रही ?-खेलों में । सभी सात खेलों में और काॅलेज की बेस्ट एथलीट भी बनी । -कविता लिखने का शौक कैसे लगा ?-रोहतक आकाशवाणी केंद्र में बालक मंडली में भाग लेने जाती थी । बस वहीं से कविता लिखने का शौक लगा । -किसान आंदोलन में कैसे आई एक कवयित्री?-किसान की बेटी हूं , अपने आपको आंदोलन में कूदने से रोक न पाई । -पापा ने विरोध नहीं किया ?-नहीं । पापा को मुझ पर भरोसा है । -कितने कविता संग्रह आये ?-एक -‘मन की बात पन्नों पर’ । -किसान मोर्चा में कोई पद ?-बाड्ढो पट्टी की किसान मोर्चे की कमेटी सदस्य और महिला इकाई की अध्यक्ष । -अभी किसान आंदोलन जारी है । क्यों ?-हमारी कुछ मांगें बाकी हैं । जब तक ये पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन चलेगा। कोई कविता लिखी किसान आंदोलन पर ?-बहुत लिखीं हरियाणवी कविताएं और एक की पंक्तियां हैं : मत ना रोक किसे नेफसल बचानी सैआने वाली हमनेफसल बचानी है ,-आगे क्या लक्ष्य ?-शिक्षिका बनना है । हमारी शुभकामनाएं रीमन नैन को । आप इस नम्बर पर प्रतिक्रिया ले सकते हैं : 8053973673 Post navigation ‘याद गली से….’ …आकाशवाणी जम्मू की क्षेत्रीय समाचार इकाई के 50 साल। दुष्यंत चौटाला के आगमन पर बार के अंदर मेहमानबाजी और बाहर नारेबाजी