ठेका पर प्रापर्टी सर्वे के बाद लोग खा रहे दुरूस्ती को दर-दर ठोकर

फर्रूखनगर पालिका व सर्वे के रिकार्ड में गंभीर प्रकार की असमानता.
जमीन कम व ज्यादा, मालिकों व उनके पिता के नाम भी गलत लिखे.
सर्वे कम्पनी के कर्मचारियों की लापरवाही का खामयाजा भुगत रहे लोग

फतह सिंह उजाला

पटौदी। नगरपालिका फर्रूखनगर ऑफिस द्वारा हाउस टैक्स के नाम पर शहरवासियों को थमाए गए नोटिस में  दर्शाए गए भूमि रिकार्ड  में भारी खामियों के चलते लोगों में नपा प्रशासन के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। हैरत की बात तो यह है कि नगरपालिका के ऐसएसमेंट रिकार्ड में सभी की जमीनों के रिकार्ड दुरूस्थ है। दो-दो बार सर्वें के बाद भी प्रापर्टी आईडी और हाउस टैक्स में जमीनों को कम व ज्यादा ही नहीं मालिकों के नाम व उनके पिता क नाम भी गलत दर्शाया गया है।

नपा कार्यालय में शिकायत लेकर पहुंच रहे लोगों को एक ही रटा रटाया जवाब दिया जा रहा है कि वार्ड पार्षदों से लिखवा कर लाए और ऑन लाईन रिकार्ड ठीक कराने के लिए आधार कार्ड, वोट कार्ड, फैमली आईडी, जमीन के कागजात लगाए। नगरपालिका कर्मचारियों व सर्वे कम्पनी के कर्मचारियों की लापरवाही का खामयाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि नपा कर्मचारियों की शिकायत और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को शिकायत देंगे। जरुरत पडी तो एक महापंचायत आहुत करक आगामी निर्णय लिया जाएगा। ताकि भविष्य में लोगों को इस प्रकार की खामियों का सामना ना करना पडे।

पूर्व नगर पार्षद नीरू शर्मा, मास्टर बिरेंद्र सिंह यादव, हरीकिशन शर्मा, जिवेश शर्मा, राज सैनी, पिंकी रोहिल्ला आदि का कहना है कि सरकार आमजन को घर बैठे सरकारी सुविधाएं मुहिया कराने का दम भरती है। वहीं नगरपालिका क्षेत्र में सर्वे कम्पनी के कर्मचारी गलत सर्वे करके लोगों को त्रुटी भरे हाउस टैक्स के नोटिस थमा रहे है। नोटिस हाथ में आते ही लोगों के पैरो तले की जमीन उस समय खिसक गई जब उन्होंने नोटिस में अपनी 250 गज की जमीन को 100 वर्ग गज ही पाया । शहर में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों की प्रॉपर्टी में खामिया दर्शाई गई है। नगरपालिका सचिव को चाहिए कि वह सर्वें कम्पनी के कर्मचारियों से कहे कि व घर घर जाकर लोगों की आपतिया सुने और दर्ज करे । सरकार उन्हें घर घर सर्वे के पैसे दे रही है नाकि नगरपालिका में अधिकारी बन कर लोगों को बेवजह परेशान करने के। उन्होंने बताया कि जब सर्वे कर्मचारी घर घर जाकर सर्वे कर रहे थे तो फिर खामिया कैसे पैँदा हुई। इसके लिए सरकार विशेष कमेटी का गठन करके सर्वे कम्पनी का टैंडर कैंशिल करके दूसरी कम्पनी को ठेका दिया जाए। ताकि लोगों को परेशान नहीं होना पडे। उन्होंने कहा कि समय रहते नगरपालिका प्रशासन, सरकार ने कोई कोठ कार्रवाई नहीं की तो शहर की जनता प्रर्दशन के लिए मजबूर हो सकती है। शहर की जनता नगरपालिका को हाउस टैक्स देती है तो उनका अधिकार बनता है की जनता के काम में कोई कोताही ना बरती जाए।

आपती दर्ज की तिथि अभी निधार्रित नहीं
नगरपालिका सचिव नरेश कुमार का कहना है कि शहर में निजी कम्पनी द्वारा सर्वे किया गया था। कम्पनी के कर्मचारी ही हाउस टैक्स नोटिस वितरण कर रहे है। जिन लोगों के भूमि रिकार्ड में किसी प्रकार की खामिया रह गई है तो वह अपनी आपती दर्ज करा सकते है। आपती दर्ज कराने की तिथि अभी निधार्रित नहीं की गई है। सर्वे की प्रक्रिया अभी लम्बी चलेगी। कोई अभी आपती दर्ज ना कराए , इसके लिए नपा द्वारा अखवारों में विज्ञापन देकर सुचित किया जाएगा। वहीं आपती दर्ज कराने के दौरान किसी भी पार्षद से सत्यापन या पत्र लिखवाने की कोई आवश्यकता नहीं है। सर्वें के बाद नगरपालिका रिकार्ड से उसका मिलान के उपरांत ही सरकार की हिदायतों के मुताबिक ही दावे आपतिया दर्ज की जाएगी। शहर की जनता से अपील है की वह धेर्य रखे किसी की भी भूमि रिकार्ड में कोई फेरबदल या अन्य खामियां नहीं रहने दी जाएगी। यह फाईनल सर्वे नहीं है। अभी लम्बी प्रकिया के बाद ही सम्भव हो पाएगा।

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