कितलाना टोल पर धरने के 334वें दिन बॉर्डर कूच का ऐलान चरखी दादरी जयवीर फोगाट 25 नवम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे आन्दोलन को एक वर्ष पूरा होने पर दिल्ली के सभी बार्डरों पर किसान-मजदूरों एवं महिलाओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। भिवानी और दादरी जिले से सैकड़ों किसान-मजदूर, युवा एवं महिलांए अपने अपने साधन लेकर बड़ी संख्या में टिकरी तथा शाहजहांपुर बार्डर पहुंचेंगे। यह बात कितलाना टोल पर सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई व युवा कल्याण संगठन के महासचिव सुभाष यादव ने धरने को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसानों का उत्साह आन्दोलन के प्रति और ज्यादा बढ़ गया है और वे बड़े उत्साह के साथ बड़ी संख्या में 26 नवम्बर को दिल्ली जांएगे। उन्होंने केन्द्र सरकार को आगाह किया कि जब तक वह संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बैठकर मेज पर बात नहीं करेगी तथा उक्त बातचीत के माध्यम से किसानों के सभी वाजिब मुद्दों का समाधान नहीं करेगी तब तक आन्दोलन समाप्त नहीं होगा और किसानों का गुस्सा सरकार के खिलाफ बरकरार रहेगा। उन्होंने हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह सभी श्रेणियों के कर्मचारी भर्तियों को निष्पक्ष व भ्रष्टाचार रहित करवाने में पूरी तरह असफल रही है और अब उसके तहत कार्यरत अफसरों द्वारा किए भ्रष्टाचार की एक एक परत खुलने लगी हैं। उनके बिना पर्चा बिना खर्ची नौकरी देने के नारे की पोल जनता में खुल गई है। उन्होंने पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच पंजाब हरियाणा चन्डीगढ़ हाईकोर्ट के मौजूदा जज से करवाने व दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। कितलाना टोल पर धरने के 334वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, किसान सभा से नरेन्द्र धनाना, युवा कल्याण संगठन से सुभाष यादव, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह जताई, किसान नेता बलबीर सिंह बजाड़, मीरसिंह निमड़ीवाली, कर्मचारी नेता शब्बीर हुसैन, महिला नेत्री कृष्णा गोरीपुर, बिमला कितलाना व सन्तरा डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, धरमेन्द्र छपार, कप्तान चन्दन सिंह, सन्तु प्रजापति, बुजन जांगड़ा, लीला रासीवास, शमशेर सांगवान, दिलबाग ढुल, महाबीर धनाना, नन्द लाल अटेला, ओम नम्बरदार, सुरेन्द्र डोहकी, रामानन्द धानक व सुलतान खान सहित कई किसान शामिल थे। Post navigation बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने खोली सरकार के दावों की पोल : राजू मान किसान-मजदूरों का एक साल का संघर्ष रंग लाया : राजू मान