• हरियाणा के 15 सांसदों में अकेले विपक्षी सांसद होने के बावजूद पहले भी संसद में किसानों की आवाज़ दबने नहीं दी, न कभी दबने देंगे – दीपेंद्र हुड्डा
• सर छोटूराम जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दीपेंद्र हुड्डा ने चौधरी छोटूराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की
• दीपेंद्र हुड्डा ने गांव रुडियावास में शहीद लांस नायक हरिसिंह सांगवान की स्मृति में शहीद द्वार का उद्घाटन किया 
• आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय दीनबंधु छोटूराम जी को है- दीपेंद्र हुड्डा
• उन्हीं की प्रेरणा से भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार ने कर्जा वसूली के लिए गिरफ्तारी, जमीन नीलामी के काले कानून को खत्म किया- दीपेंद्र हुड्डा

सोनू धनखड़

झज्जर, 24 नवंबर :- सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज झज्जर में चौधरी छोटूराम धर्मशाला में आयोजित सर छोटूराम जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों व मजदूरों के मसीहा, रहबर-ए-आज़म दीनबंधु चौधरी सर छोटूराम जी ने पद की लालसा छोड़कर हमेशा ग़रीबों व किसानों के हकों की लड़ाई लड़ी। उन्होंने न केवल किसान को बर्बादी से बचाया बल्कि उनके बच्चों को शिक्षा के लिये प्रेरित किया। उनकी ये दृढ़़ मान्यता थी कि वही समाज आगे बढ़ेगा जो शिक्षित होगा। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चौ. छोटूराम को नैतिक साहस की मिसाल माना जाता है। वे अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ़ न तो बोलने से डरते थे और न ही लिखने से। उनकी कलम जब भी चलती, ब्रिटिश राज को हिला कर रख देती। उनके लिए गरीब और जरुरतमन्द किसानों की भलाई हर एक राजनीति, धर्म और जात-पात से ऊपर थी। इसलिये हर धर्म और हर जाति का किसान आज भी समान रूप से उनका आदर करता है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने चौधरी छोटूराम किसान धर्मशाला में नवनिर्मित कमरों का उदघाटन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने किसान आन्दोलन के दौरान जान की कुर्बानी देने वाले किसानों को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की सभी लंबित मांगों के समाधान के लिये बैठकर किसान संगठनों से बात करे और उनकी सहमति से समाधान निकाले। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर भले ही वो हरियाणा के 15 सांसदों में अकेले विपक्षी सांसद हैं, लेकिन उन्होंने पहले भी संसद में किसानों की आवाज़ को दबने नहीं दिया और आगे भी कभी दबने नहीं देंगे। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश की सबसे बड़ी पंचायत में उन्होंने हर बार पुरजोर ढंग से किसानों की मांगों को उठाया और अब आगामी शीतकालीन सत्र में एक बार फिर से किसानों के मुद्दे की गूंज सबको सुनाई देगी। 

उन्होंने गांव रुडियावास में शहीद लांस नायक हरिसिंह सांगवान की स्मृति में शहीद द्वार का उदघाटन किया। शहीद लांस नायक हरिसिंह सांगवान ने मात्र 24 की युवावस्था में मातृभूमि की रक्षा के लिए 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान अपनी शहादत दी थी। दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि चौ. छोटू राम की पहल पर किसान और मजदूरों के हित के कई क़ानून बने। पंजाब रिलीफ़ इंडेब्टनेस एक्ट 1934, पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट 1936, साहूकार पंजीकरण एक्ट- 1938, गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938, कृषि उत्पाद मंडी अधिनियम -1938, व्यवसाय श्रमिक अधिनियम- 1940 और कर्जा माफी अधिनियम- 1934 कानून। इन कानूनों में कर्ज का निपटारा किये जाने, उसके ब्याज और किसानों के मूलभूत अधिकारों से जुड़े हुए प्रावधान थे। जिससे किसानों को सूदखोरों के चंगुल से मुक्ति मिली और किसानों को ज़मीन के अधिकार मिलने का रास्ता साफ़ हुआ। आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम जी को जाता है। उन्होंने कर्ज की जंजीरों में जकड़े हुए किसान को साहूकारों से मुक्ति दिलायी और आजादी से पहले कर्जा वसूली के लिये जमीन की नीलामी पर रोक लगायी थी। चौ. छोटूराम से प्रेरणा लेकर ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने कर्ज न चुका पाने वाले किसानों की गिरफ्तारी जमीन की नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज किसान जो खरीद रहा वो महंगा हो गया, जबकि किसान की पैदावार कौड़ियों के भाव पिट रही है। किसानों पर कर्ज दोगुना हो गया। किसानों के खर्चे दोगुने हो गये। डीजल का भाव दोगुना हो गया। खाद के कट्टे का भाव दोगुना हो गया। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि बाजार में खाद्यान्नों की कीमत रोज नये रिकार्ड बना रही है, लेकिन किसानों को उनकी फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है। यही कारण है कि देश का किसान आंदोलित होकर सड़कों पर है। उन्होंने बताया कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय गेहूं का भाव तीन गुना बढ़ाकर 500 से 1600 किया गया, गन्ने का भाव 117 रुपये से बढ़ाकर 310 रुपये किया गया। हमारी सरकार बनते ही गन्ने के बकाया का भुगतान किया गया। जिस दिन सरकार छोड़ी उस दिन तक गन्ना मिलों पर किसानों का कोई बकाया नहीं था। इसी प्रकार कांग्रेस सरकार के समय किसानों को धान का भाव 5000 रुपये प्रति कुंतल तक मिला जबकि भाजपा सरकार में किसान अपनी फसल बेचने के लिये मंडियों के चक्कर काट रहा है फिर भी फसल नहीं बिक रही। कहीं बिक गयी तो उसे औने-पौने भाव पर ही बेचना पड़ रहा है।

इस दौरान विधायक व पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, विधायक कुलदीप वत्स, अध्यक्ष जाट धर्मशाला झज्जर, वेदप्रकाश नेहरा, राज सिंह, राजबीर जाखड़, सुभाष गोयत, दीपक धनखड़, सुनील जाखड़, नरेश हसनपुर, करमबीर महराना, टेकचंद गुलिया, महाबीर गुलिया, कृष्ण ठेकेदार, रामबीर, सतबीर पहलवान, कर्नल महेंदर, देवेंदर यादव, शीशपाल, रमेश सरपंच, सूर्यभान जाखड़, सतपाल पहलवान, श्रीमती सुमन सुहाग, श्रीमती खजानी देवी, कर्नल राजपाल, कर्नल जय सिंह सुहाग, सरपंच ईमलोटा धर्मवीर, सरपंच नीमली त्रिलोक, सरपंच रावलधी, अशोक, जिला पार्षद धर्मेन्द्र छपार, प्रधान बारहा बिरोहड़ खाप कपूर सिंह, सूबेदार मेजर सुरेन्द्र कुमार, रामलाल ठेकेदार समेत स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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