कितलाना टोल पर धरने के 331वें दिन नौकरियों में भ्रस्टाचार का मुद्दा गूंजा 

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

22 नवंबर, हरियाणा लोक सेवा आयोग के उपसचिव के पास करोड़ों रुपए नकद बरामद होने से गठबंधन सरकार के ना पर्ची ना खर्ची का दावा पूरी तरह से फर्जी और हवाई साबित हुआ है। यह बात जाटू खाप के मास्टर राजसिंह जताई ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी के बीच इस घटना ने युवाओं को झकझोर कर रख दिया है। इस कांड में लिप्त अपराधियों ने अभी तक जो बात कबूल की है उसके मुताबिक उच्च स्तर से लेकर ग्रुप डी तक की नौकरियों में बड़ी सांठगांठ हुई है। उन्होंने कहा कि अगर हाईकोर्ट के सीटिंग जज से जांच करवाई जाए तो बड़े मगरमच्छ इसमें उलझ सकते हैं।

श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला ने कहा कि पेपर लीक मामले में अगर पदक मिलता होता तो हरियाणा सरकार इसमें अवश्य गोल्ड मैडल लाती। उन्होंने कहा कि इस सरकार के दौरान 31 बार पेपर लीक हो चुके हैं। लेकिन सरकार ने हर बार लीपापोती करके मामले दबा दिए। इस मसले में भी यही होने की प्रबल संभावना है। उनके अनुसार लोक सेवा आयोग के कार्यालय में करोड़ से अधिक कैश बरामद होने से ये साफ है कि इस खेल में बड़े सफेदपोश शामिल हैं जिन्हें सरकार का संरक्षण प्राप्त है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने के 331वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, फोगाट खाप से धर्मबीर समसपुर, सर्वजातीय श्योराण खाप से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, युवा कल्याण संगठन से कमल सिंह प्रधान, किसान नेता गंगाराम श्योराण, मास्टर राजसिंह जताई, मीरसिंह नीमड़ीवाली, मजदूर नेता फूलचन्द ढ़ाणा लाडनपुर, महिला नेत्री मामकोर डोहकी व सन्तरा डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बुधवार को टोल पर चौधरी छोटूराम की जयंती संकल्प दिवस के रूप में मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को तीन काले कानून रद्द करने की औपचारिकताओं के साथ बाकी मसले भी तत्परता से निपटाने चाहिये। धरने का मंच संचालन किसान सभा के जिला कार्यकारी सचिव कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

इस अवसर पर सांगवान खाप कन्नी प्रधान मास्टर ताराचन्द चरखी, जागेराम डीपीई, सुभाष यादव, बलबीर सिंह बजाड़, दिलबाग ढुल, रतन सिंह बडेसरा, अब्दुल खान, सत्यवान कालूवाला, सुबेदार सतबीर सिंह, जिले सिंह पूनिया, जयसिंह सिहाग, जयपाल जांगड़ा, ओम प्रजापति, महीपाल आर्य, पवन स्योराण, धर्मचन्द छ्पार, ओम नम्बरदार, ईश्वर धानक कौंट व अनूप राठी शामिल थे।

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