गौरवपूर्ण इतिहास को दिखाने का सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग का कदम सराहनीय : ओम प्रकाश यादवआम नागरिकों व स्कूली बच्चों में प्रदर्शनी को लेकर भारी उत्साह भारत सारथी/ कौशिक नारनौल । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हमारे पूर्वजों को बहुत कुर्बानियां देनी पड़ी थी। देशभक्तों की शहादत के बारे में युवा पीढ़ी को जानकारी देने के लिए सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग सभी जिलों में डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम के इस गौरवपूर्ण इतिहास को दिखाने का कदम बहुत सराहनीय है। श्री यादव आज यहां पंचायत भवन में तीन दिन तक लगने वाली डिजिटल प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम की हर लड़ाई में हरियाणा का विशेष योगदान रहा है। 1857 की क्रांति में महेंद्रगढ़ जिला के नसीबपुर गांव की धरती पर राजा राव तुलाराम की अगुवाई में अंग्रेजो के खिलाफ हुए युद्ध में हजारों नागरिकों ने एक ही दिन में शहादत दी थी। हमारी युवा पीढ़ी को इस इतिहास की जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि वे आजादी के महत्व को समझें। शुभारंभ के बाद आज दिनभर चली इस प्रदर्शनी में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने आजादी के लिए हरियाणा के नागरिकों के योगदान को समझा। तस्वीरों और अभिलेखों को देखकर बच्चे काफी उत्साहित नजर आए। यह प्रदर्शनी 22, 23 और 24 नवंबर को हर रोज 10 से 4 बजे तक लगाई जाएगी। इस प्रदर्शनी में झज्जर के नवाब अब्दुर्रहमान खां को लाल किले के सामने फांसी पर लटकाने की घटना का भी वर्णन है। इसके अलावा अंबाला का विद्रोह, जलियांवाला हत्याकांड की तरह भिवानी जिले के गांव रोहनात की दर्दनाक कहानी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का हिसार का दौरा, आजाद हिंद की प्रांतीय सरकार के गठन की उद्घोषणा जो द नेशनलिस्ट समाचार पत्र की लीड खबर बनी थी, भिवानी में नमक कानून तोड़ना तथा पलवल में महात्मा गांधी की गिरफ्तारी से संबंधित घटनाओं की जानकारी अभिलेख तस्वीरों के माध्यम से दर्शाई गई है। इसके अलावा भी इस प्रदर्शनी में कई महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाया गया है। अभिलेखागार विभाग द्वारा संरक्षित किए गए महत्वपूर्ण अभिलेखों की फोटो प्रति भी यहां पर डिजिटल प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाई गई है। इस प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर एसडीएम मनोज कुमार, डीआईपीआरओ उषा रानी तथा रोहतास चेयरमैन के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे। Post navigation इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक माफी मांगी क्यों ? प्रियंका सौरभ और अनीता कुंडू को मिला विशिष्ट युवा पुरस्कार